
अभी उनके खेत में मक्के की सूखे फसल नहीं लह-लहाते दिख
रहे हैं बल्कि ये जले फसल वो हैं जिसे ठंढ ने जला डाला है. मधेपुरा जिले में सबसे अधिक
मक्का की फसल ही प्रभावित हुई है. जिले के कई किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने पंजाब से
पैसे कमा कर अपने खेतों में लगाया था या फिर महाजन से सूद पर कर्ज लेकर. और आज सबके
सब ठंढ की भेंट चढ गए हैं. अब ये क्या खुद खाएं और क्या बच्चों को खिलाए, विकट समस्या है.
कृषि पदाधिकारी जांच में जुट गये
हैं और उच्चाधिकारी को क्षति का रिर्पोट भेजने की बात कह रहे हैं. अब देखना है कि सरकार इन
पीडित किसानों मुआवजा देती है या यूं ही कोरे आश्वासन देकर ठग लेती है. पर एक बात की
आशंका अब तो बनती ही है कि इलाके के किसान यदि इसी तरह प्रकृति के कोप का शिकार होते
रहे तो यहाँ भी किसानों के आत्महत्या की खबर सुनने को मिल सकती है.
(आर.एन.यादव की रिपोर्ट)
प्रकृति का कहर: मक्के की फसल जल गई ठंढ से
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 16, 2013
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