नि० सं०/06/11/2012
न्यायालय में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जिला अधिवक्ता
संघ के द्वारा पारित निर्णय पर संघ के पूर्व सचिव ने अपना विरोध प्रकट किया है.
साथ ही उन्होंने इस खबर को प्रमुखता देकर छापने वाले एक दैनिक अखबार पर भी उनके
बयान को गलत ढंग से छापने का आरोप लगाया है.
मधेपुरा
व्यवहार न्यायालय के वरीय अधिवक्ता और जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व सचिव कृत नारायण
यादव ने कहा है कि न्यायालय में भ्रष्टाचार के मामले पर अधिवक्ता संघ का निर्णय
पूरी तरह अव्यावहारिक, असंगत और औचित्यहीन है और मैं इससे सहमत नहीं हूँ. मधेपुरा
टाइम्स के पूछे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि न्यायालय तो न्याय का मंदिर है. कुछ ऐसे
लोग हैं जो व्यक्तिगत स्वार्थ के नाम पर बेवजह विवाद खड़ा करते हैं. उन्होंने कहा
कि कर्मचारी के खिलाफ शिकायत न्यायालय के विजिलेंस की मीटिंग में की जानी चाहिए
जिसके सदस्य अधिवक्ताओं में से भी होते हैं. श्री यादव ने कहा कि न्यायालय के
कर्मचारी घूसखोरी में शामिल नहीं है. एक स्थानीय दैनिक अखबार में 4 नवंबर को छपी
उस खबर जिसमें अधिवक्ता कृत नारायण यादव के हवाले से यह लिखा गया कि भ्रष्टाचार
में यदि कोई कर्मचारी लिप्त पाया जाता है तथा पुख्ता प्रमाण मिलता है तो तो उसके
खिलाफ उच्च न्यायालय में गुहार लगानी चाहिए पर श्री यादव ने कहा कि उनके बारे में
गलत खबर छापी गयी है, उन्होंने ऐसा बयान नहीं दिया है. उन्होंने इस सम्बन्ध में सम्बंधित
पत्रकार को अखबार के माध्यम से अविलम्ब खंडन छापने को कहा है अन्यथा विवश होकर वे
अखबार और संवाददाता के खिलाफ परिवादपत्र दायर करेंगे.
खंडन छापे नहीं तो अखबार और पत्रकार पर मुकदमा करेंगे पूर्व सचिव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 06, 2012
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इसमें पत्रकार से ज्यदा मिडिया हॉउस की गलती है,मजदुर से भी कम पारिश्रमिक पाने वाले पत्रकार, पैसे की कमी को पूरा करने के लिए पिट-पत्रकारिता करेंगे ही! संजय मिश्र
ReplyDeleteदलाल जैसी मानसिकता रखने वाले लोग जब पत्रकार बनेगे तब यही सब होगा !pawan yadav
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