चयनमुक्त सेविका ने खोला राज: बड़े पदाधिकारी भी हैं लूट के नंगे खेल में ?

नि० सं०/11/10/2012
जिले की अधिकाँश योजनाओं में भ्रष्टाचार जड़ तक समाया हुआ है. छोटे अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा जिले में मचाये गए लूट के खेल में शामिल होने की बात से बड़े अधिकारी अभी तक ना-नुकुर करते रहे हैं. पर सूत्र बता रहे हैं कि बड़े अधिकारी की शह के बिना जिले में घूस का नंगा नाच नहीं चल सकता.
            और अब तो जिले के कई बड़े पदाधिकारियों की पोल भी खुलने लगी है. जिला स्तर के कौन कहे सूबे के मुखिया के नाक के नीचे बैठे पदाधिकारियों पर अभी अंगुलियां उठने लगी है.पिछले दिनों समेकित बाल विकास परियोजना के राज्य स्तरीय अधिकारियों ने मधेपुरा के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच की थी और कई सेविकाओं और सहायिकाओं को चयनमुक्त करने की अनुशंसा कर दी. पर उनके भी जांच के तरीके पर सवालिया निशान लग रहे हैं.
            मधेपुरा नगर परिषद के आंगनबाड़ी केन्द्र संख्यां 30 की सेविका अमिता किशोर उसी जांच में चयनमुक्त कर दी गयी है. उनपर आरोप है कि जांच के समय केन्द्र पर एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था, जबकि जांच टीम ने रजिस्टर में 29 बच्चों की उपस्थिति देखकर उसपर हस्ताक्षर भी किये हैं. अमिता आरोप लगाती हैं कि जांच के बाद टीम के साथ आये लोगों ने उनसे 25 हजार रूपये यह कहकर माँगा कि दो तो चयनमुक्ति रूकवा देंगे. पर पांच साल से लगातार आंगनबाड़ी की सेवा कर रही अमिता ने घूस नहीं दिए और आज अमिता चयनमुक्त होकर घर बैठ गयी है.
            अमिता किशोर का दावा है कि यहाँ पदाधिकारी हमेशा पैसे की मांग करवाते हैं. नहीं देने पर चयनमुक्त करवा देते हैं.
            यदि सेविका अमिता किशोर का दावा सही है तो ये जिले और राज्य के सम्बंधित पदाधिकारियों के लिए शर्म की बात है. जानकारों का मानना है कि जिले में हाल के दिनों में घूसखोरी में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और शायद ये हाल के वर्षों में सबसे चरम पर है. ऐसे में पीड़ित जनता कहाँ गुहार लगाएं ये सबसे अहम सवाल है.
चयनमुक्त सेविका ने खोला राज: बड़े पदाधिकारी भी हैं लूट के नंगे खेल में ? चयनमुक्त सेविका ने खोला राज: बड़े पदाधिकारी भी हैं लूट के नंगे खेल में ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 11, 2012 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.