संवाददाता/13 सितम्बर 2012
मधेपुरा के एक न्यायालय के आज के फैसले ने भले ही कई
लोगों को राहत की सांस दे दी हो, पर विधवा बबीता की आँखें आज भी शून्य को ये सोचकर
निहारते रहती है उसके दो बच्चों का क्या होगा.पति प्रमोद की हत्या दोस्त अशोक यादव
ने महज इसलिए कर दे थी कि वह प्रमोद से लिए डेढ़ लाख रूपये के उधार को पचा जाना
चाहता था.02 मार्च 2010 की रात 09.30 बजे सिंघेश्वर के लालापट्टी के अशोक यादव ने
गाँव के ही महज 32 साल के प्रमोद यादव को सिघेश्वर डोमा चौक के पास बुलाकर अपने दो
सहयोगियों बिरेन्द्र यादव और लाल यादव की मदद से गोली मार दी.पर अशोक की साँसे दो
घंटे के बाद ही सदर अस्पताल में उखड़ी थी.उसने अपने हत्या की पूरी दास्तान पुलिस को
सुना भी दी थी.
मृतक के
भाई राजेश यादव ने मुकदमा दर्ज कराया तो दबंग अपराधियों ने अंत तक पूरे परिवार को
धमकाया.पर अंत में न्यायालय से पीड़ित परिवार को न्याय मिली और आज तीनों अभियुक्तों
को तदर्थ न्यायालय के न्यायाधीश श्री मनोज शंकर ने उम्रकैद की सजा के साथ दस-दस
हजार रूपये के अर्थदंड की भी सजा दी.सूचक राजेश यादव ने मधेपुरा टाइम्स को बताया
कि हत्यारा अशोक यादव मध्य विद्यालय सीमा टोला जजहट सबैला में प्रधानाध्यापक है और
वह इलाज के नाम पर विद्यालय से छुट्टी लेकर जेल में है.
हत्या के मामले में अध्यापक समेत तीन को उम्रकैद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 13, 2012
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