मधेपुरा जिला में वर्षों से कार्यरत WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) कार्यालय में राष्ट्रीय
पर्व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी झंडा नहीं फहराए जाते हैं.यहाँ कार्यरत
अधिकारी व कर्मचारी स्वदेशी तो हैं पर विदेशी रूख अख्तियार किये हुए हैं.लगता है
इन्हें देश की आजादी शायद पसंद नहीं है और इससे वे उत्साहित भी नहीं दीखते हैं.
आज जब
मधेपुरा टाइम्स टीम ने WHO कार्यालय पहुँच कर जायजा
लिया तो स्थिति देखकर हैरानी हुई.पूरे परिसर में कहीं भी स्वतंत्रता दिवस जैसा माहौल
नहीं दिख रहा था और न ही कहीं राष्ट्रीय ध्वज ही फहराया गया था.जब कार्यालय में
मौजूद एसएमओ डा० देवेश कुमार से इस बाबत पूछा गया तो पहले उन्होंने भडकते हुए कहा
कि मीडिया से हम कोई बात नहीं करना चाहते है.फिर गुर्राए और कहा ये कोई सरकारी कार्यालय
नहीं है जो हम यहाँ झंडा फहराएं.फिर झल्लाते हुए जाने लगे और एक झटके से पीछे
मुड़ते हुए कहा कौन कहता है झंडा नहीं फहराएंगे.दूसरे काम में व्यस्त थे इसलिए नहीं
फहराए हैं.हमारे संवाददाता के ये पूछने पर कि क्या आप भारत में नहीं रहते हैं? तो
डा० देवेश ने तपाक से एक मोटरसायकिल में लगा छोटा झंडा खींच लिया और कहा, ‘देखिये ये मैंने फहरा दिया.’(क्या ये झंडा का अपमान नहीं
है?) इसके बाद संवाददाता को अंदर आने को कहा और साफ़-साफ़ शब्दों में कह दिया कि
सिविल सर्जन कार्यालय में झंडा फहरा दिया गया है इसलिए यहाँ फहराना जरूरी नहीं
है....अब आप गौर करें कि एसएमओ साहब की कौन सी बात पर विश्वास किया जाय.
उधर जब
इस मुद्दे पर मधेपुरा के सिविल सर्जन डा० परशुराम प्रसाद से हमने पूछा तो उन्होंने
सीधा कहा कि तीन माह पूर्व अस्पताल कैम्पस से WHO का ऑफिस कहीं प्राइवेट भवन में चला गया है.चूंकि दोनों
अलग-अलग कार्यालय हैं इसलिए उन्हें वहाँ राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए,यदि नहीं
फहराते हैं तो उनपर कार्यवाही होनी चाहिए.
बता दें कि
WHO के पूर्व एसएमओ के कार्यकाल में
स्वतंत्रता दिवस पर यहाँ नियमित रूप से झंडा फहराए जाते थे.लेकिन वर्तमान एसएमओ इस
पर्व को कितना महत्त्व दे रहे हैं इसका अनुमान आप उन्हीं की हरकतों और बयान से लगा
सकते हैं.
इस बात को
लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अंगद यादव डीएम सहित दिल्ली स्थित WHO के राष्ट्रीय कार्यालय को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु सूचना
भेज रहे हैं.
राष्ट्रीय ध्वज फहराने से परहेज करते हैं WHO के अधिकारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 15, 2012
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aise officer ko turant suspend kar dena chahiye
ReplyDeleteWHO shayad UN ke andar ata hai..waise bhi non govt sector mein jhanda nahi phehraya jata hai...thik usi tarah jaise 99% gharon pe 15 august ko jhanda nahi hota..
ReplyDeletedesbhakti under se honi chahiye force nahi karni chahiye'''
Mujhe puri ummid hai ki Angad Yadav ne apne ghar pe jhanda lehraya hoga aur comment karne wale Saurabh ne bhi...