![]() |
| योजना विकास मंत्री से मिलती सुमन |
![]() |
| मंत्री से मिलने के इन्तजार में सुमन |
रूद्र ना० यादव/29 अगस्त 2012
सिंघेश्वर प्रखंड के डंडारी गाँव की रहने वाली अनाथ
सुमन भारती उर्फ ललिता के लिए शायद कोई सरकारी योजना नहीं है और न ही कोई अधिकारी
मदद करने के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं.जिसके चलते ये अनाथ बच्ची दर-दर की ठोकरें खाने
को मजबूर है.बता दें कि सुमन के माँ-बाप की मृत्यु उस समय हो गयी थी जब सुमन तीन
साल की थी.इसके बाद सुमन की परेशानी बढ़ती ही चली गयी.पहले तो सुमन को उनके
नाना-नानी ने त्रिवेणीगंज में रखा, जब नाना-नानी का भी देहान्त हो गया तब सुमन ने
पूर्व सांसद पप्पू यादव से मदद की गुहार लगाई.पूर्व सांसद पप्पू यादव की पहल पर
सुमन को मधेपुरा प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दैनिक मजदूरी पर सहायक
रसोईया के पद पर रखा गया.वहाँ भी विद्यालय के संचालक सुमन को मानसिक और आर्थिक रूप
से परेशान करने लगे और दैनिक मजदूरी देने में आनकानी करने लगे जिसकी वजह से सुमन
को आखिरकार वहाँ से काम छोडना पड़ा.दर-दर की ठोकरें खा रही सुमन ने फिर कोसी
प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त ए.के.जे. राव के पास गुहार लगाई. राव साहब को सुमन की
पूरी कहानी सुनकर दया आई और उन्होंने मधेपुरा डीएम को आदेश दिया कि पुन: उसी
कस्तूरबा विद्यालय में सुमन को रखा जाय.लेकिन दुर्भावना से ग्रसित मधेपुरा के
अधिकारियों ने आयुक्त के जाते ही आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया और आज भी
सुमन दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.कभी मंत्री के चौखट पर घंटों इन्तजार करती
है तो कभी डीएम के जनता दरबार में गुहार लगा रही है.पर हर बार सुमन को झूठे
आश्वासन की घुट्टी पिलाकर छोड़ दिया जाता है. ताज्जुब तो इस बात का है कि सुशासन
में अनाथ, गरीब व बेसहारों के लिए सरकार ने कई योजनाएं चला रखी है, लेकिन हकीकत
यही है कि इस अनाथ बच्ची सुमन के लिए कोई सरकारी योजना दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही
है.
न्याय के लिए भटक रही अनाथ लड़की, अधिकारी गंभीर नहीं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 29, 2012
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 29, 2012
Rating:


No comments: