पंकज भारतीय/18 जून 2012
जून और मॉनसून की आहट मिलते ही कोसी के लोगों की दिल
की धडकनें भी तेज हो जाती है.वर्ष 2008 के कुसहा त्रासदी ने कोसी के लोगों को जो
जख्म दिए,शायद आज भी कई दिलों में हरे हैं.जो भी हो, राज्य सरकार ने 15 जून से 15
अक्टूबर बाढ़ अवधि घोषित कर रखा है.सरकार द्वारा बाढ़ अवधि घोषित करने का अर्थ है कि
इस अवधि में तटबंध की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किये जाते हैं और इसी अवधि में
किसी प्रकार की दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है.बता दूं कि अबतक आठ बार कोसी के
तटबंध टूटे हैं और तबाही मची है जो इसी अवधि में घटित हुआ है.तटबंध को बचाने के
लिए तमाम व्यवस्था की गयी है,पर ये ‘फुलप्रूफ’ नहीं है.ऐसी परिस्थिति में हम लोगों को सतर्कता बरतने की
जरूरत है.वैसे इस काम के लिए लगाये इंजीनियर्स तो सतर्कता बरतेंगे ही,पर आम लोगों
को इस दौरान अफवाह से बचने की बड़ी आवश्यकता है.
मधेपुरा
टाइम्स ने भी कोसी के तटबंधों पर नजर रखनी शुरू कर दी है और हम आपको कहना चाहेंगे
कि यदि दुर्घटना की आशंका बनती है तो हम तटबंध टूटने की स्थिति में किसी भी
परिस्थिति में आपको कम से कम बारह घंटे पहले सूचना देंगे और अफवाहों से भी आपको
आगाह करते रहेंगे.यानी आप चैन से सोयें..हम जग रहे हैं.
आज का डिस्चार्ज:
बराह पर: 42,500
क्यूसेक.
बराज पर: 75,930 क्यूसेक.
निष्कर्ष:किसी प्रकार के खतरे की संभावना नही है.
तटबंध सुरक्षित,आप चैन से सोयें, हम जग रहे हैं...
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 18, 2012
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