धन कमा रहे हैं निर्मल बाबा:बोला मधेपुरा

राकेश सिंह /१४ अप्रैल २०१२
निर्मल बाबा पर देश भर में काफी प्रतिक्रियाएं हो रही हैं.बहुत से लोग उनके आस्था के समागम में डुबकी लगाकर लाभ की बात कह रहे हैं पर अधिकाँश लोग अब मान रहे हैं कि ठग हैं निर्मल बाबा और बड़ी ही चालाकी से लोगों को बना रहे हैं ये बेवकूफ.ये सबकुछ धन कमाने के लिए कर रहे हैं.मधेपुरा जैसे शहर में भी ये अब देखा जा रहा है कि मंदिरों की भीड़ में कुछ कमी आई है और लोग 'कृपा' पाने के लिए टीवी के सामने बैठे रहते हैं.जहाँ बाजारों में निर्मल बाबा की फ्रेम की हुई तस्वीरों की बिक्री बढ़ गयी है वहीं दुकानों के सारे काले पर्स महिलाओं ने खरीद लिए हैं.
    क्या सोचते हैं मधेपुरा के बुद्धीजीवी निर्मल बाबा के बारे में? मधेपुरा टाइम्स टीम ने जब यह जानने का प्रयास किया तो मधेपुरा में पढ़े लिखे लोगों में से अधिकांश लोग निर्मल बाबा के विचार से असहमति दिखाते हुए ही नजर आये.
  विद्यापुरी वार्ड नं.० १८ की गृहिणी निर्जला झा कहती हैं कि निर्मल बाबा बाबा नहीं ढोंगी बाबा हैं,वे लोगों को बहला रहे हैं,फुसला रहे हैं.उनपर लोगों को विश्वास नहीं करना चाहिए.
    छात्रा शुभा कहती हैं कि मुझे उनपर विश्वास नहीं है.मुझे लगता है वे ठगी के धंधे में हैं और धन कमा रहे हैं.
   मेन रोड स्थित सरस्वती पुस्तक भण्डार के मालिक और पढ़ाई में रुचि रखने वाले अजय कहते हैं कि मुझे उनपर थोड़ा भी विश्वास नहीं है.वे जितनी भी शक्तियों के बारे में बता रहे हैं वो सारे झूठे और बनावटी हैं.वे धन कमाने में लगे हुए हैं.मुझे समझ में नहीं आता कि बाबा को इतने धन कमाने की क्या आवश्यकता पड़ जाती है?
   बैंक अधिकारी कुंदन कुमार कहते हैं कि उनमे कोई शक्ति नहीं है.वे बड़ी चालाकी से लोगों को बेवकूफ बनाते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं.कुंदन को लगता है कि वे ब्लैक मनी को ह्वाईट बनाने के लिए ऐसा धंधा कर रहे हैं.
   मधेपुरा के वरीय अधिवक्ता धीरेन्द्र झा मानते हैं कि निर्मल बाबा ही क्यों ऐसे बहुत से बाबा हैं जो लोगों की आस्था का दोहन करते हैं.लोगों की आस्था इनपर से उठती जा रही है.इनके शोषण के तरीके की जांच होनी चाहिए और जांच कर इन्हें दण्डित किया जाना चाहिए.ऐसे लोगों पर विश्वास करने वालों का सच्चाई जानते-जानते बहुत कुछ नष्ट हो जाता है.
  पर वहीं वरीय अधिवक्ता जवाहर झा निर्मल बाबा के अकाउंट की जांच की मांग तो करते हैं,पर निर्मल बाबा पर आस्था के सवाल पर वे कहते हैं कि इसकी स्वतंत्रता संविधान के द्वारा ही दी गयी है.अगर निर्मल बाबा पर लोगों का विश्वास है और उस विश्वास के कारण उन्हें कोई अच्छा फल मिलता है तो इसमें बुरा क्या है? आस्था और विश्वास को विज्ञान की कसौटी पर नहीं देखा जा सकता है.भारत में पेड़ों और पत्थरों की पूजा भी की जाती है और ये करोड़ों वर्षों से यहाँ चला आ रहा है.उनकी बातों में मुझे कोई बुराई नजर नहीं आती है.
   एक विचित्र बात मधेपुरा में स्पष्ट दिखाई दे रही है कि कल तक जो लोग निर्मल बाबा के गुणगान करते हुए नहीं थकते थे,आज विभिन्न मीडिया द्वारा निर्मल बाबा को संदेह के घेरे में लाने पर ये लोग निर्मल बाबा की बात उठाने पर झेंपते दिखते हैं. जाहिर सी बात है ऐसा देश जहाँ पत्थर के गणेश जी लाखों लीटर दूध पी जाते हैं वहां आस्था के नाम पर अंधविश्वास का खेल जारी रहेगा.
(सुनें इस वीडियो में मधेपुरा के लोगों की प्रतिक्रिया,यहाँ क्लिक करें)
धन कमा रहे हैं निर्मल बाबा:बोला मधेपुरा धन कमा रहे हैं निर्मल बाबा:बोला मधेपुरा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 14, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. अजीब बात है /यहाँ हर कोई एक दुसरे को चोर ,बेईमान और ठग कहता है /कभी अपने गिरेबान में झाँकने की कोशिश कोई नहीं करता /अपने गिरेबान में पूरी ईमानदारी से एक बार झांक कर देखना साफ साफ पता चल जायेगा की दुनिया के बड़े से बड़े ठगों में तुम भी किसी से कम नहीं हो /आप इसे अन्धविश्वास भले कह सकते हो परन्तु यह विश्वास का एक ऐसा रूप है जिससे लाखों लोगो को अपार शांति की अनुभूति होती है /अब आप ही सोच लेना कि आप इन लाखों लोगो की भावनाओं का सिर्फ एक शब्द "अन्घविश्वास " कह कर कितना बड़ा मर्दन किया है ,क्या आपने उन लाखों लोगो को ठगने का काम नहीं किया है ? निर्मल बाबा से जुड़ने से जो लोग शांति को अनुभूत होते थे आपने उनकी शांति छीन ली और कहते हो निर्मल बाबा ठग और बेईमान हैं /मधेपुरा टाइम्स से मेरी शिकायत है कि सिर्फ दो चार लोगो के कह देने से लोगो की आस्था को अन्धविश्वास का नाम नहीं देना चाहिए /आप अगर अन्धविश्वास की बात करें तो मै बता दूँ कि यही अन्धविश्वास है जिसने आप को यहाँ तक पहुँचाया /

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