संवाददाता/२७ मार्च २०१२
बिहार दिवस के उदघाटन अवसर पर मधेपुरा के बी.एन.मंडल स्टेडियम में सत्ता दल के नेताओं ने जमकर सरकार की सराहना तो की, पर मधेपुरा के वर्तमान हालात पर विस्तार से लोगों ने कम ही जाना चाहा. पर विद्वान साहित्यकार एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा० रामलखन सिंह यादव ने मधेपुरा के अतीत और वर्तमान की स्थिति कीई सच्चाई को सामने लाकर एकबार फिर मधेपुरा के लोगों को चिंतन और मनन करने पर मजबूर कर दिया.विद्वान न्यायाधीश ने कहा कि आपका अतीत बहुत ही गौरवशाली और संतोष करने लायक है.पर ये आत्मचिंतन का समय है.आधुनिक बिहार सौ साल का हो चुका और भारत की आजादी को ६५ साल हो चुके हैं, पर हिन्दुस्तान के लगभग छ: सौ जिलों में सौ सबसे पिछड़े जिले में मधेपुरा का नाम आता है.हिन्दुस्तान के सौ उद्योगशून्य जिलों में आपके मधेपुरा जिले का नाम है.हिन्दुस्तान के जिन जिलों में ६०% से कम साक्षरता दर ,४०% से ज्यादा भूमिहीन लोग हैं, ५०% से कम सिंचाई है,उन जिलों में आपका नाम है.और यह आपके गौरवशाली इतिहास और प्रगतिशील वर्तमान पर कलंक का टीका है.इस कलंक के टीके को धोने का समय आ गया है.और यह कलंक का टीका मात्र भाषणबाजी से, घर को रंगीन चादर से और दीवारों को सुनहरी रोशनी से सजाने से नहीं धुलने वाला है.गांवों में अशिक्षा,बाल-विवाह, छूआछूत, ऊँचनीच, कर्मकांड आदि आज भी हैं.करीब २० लाख कि आबादी वाले मधेपुरा में आधी आबादी का जीवन स्तर सामान्य राष्ट्रीय स्तर से नीचे है.परिवहन के साधन, नहरों में पानी नहीं,बिजली ग्रिड में बिजली नहीं है.हम केवल अतीत की बैशाखी के सहारे नहीं चल सकते.विकास की दौड़ में हम आज भी पीछे हैं.हम भ्रष्टाचार करें तो सही,दूसरा करे तो गलत, यह नहीं चलने वाला है.जीवन के जिस किसी भी क्षेत्र में हम हैं,ईमानदारी से कर्तव्य का पालन करें, अधिकारों के लिए सतर्क रहें.बिहार दिवस मनाने की सार्थकता तब होगी जब ऐसे दिवस पर हम न अपकर्म करने और न करने देने का संकल्प लें.
देखा जाय तो अभी भी मधेपुरा के लोग झूठे सपने देख रहे हैं.जिला और क्षेत्र विकास की दौड़ में अभी भी काफी पीछे है और ऐसे में जिले की जनता को जागना ही होगा,यदि वे सचमुच ही विकास चाहते हैं.
मधेपुरा पर लगा कलंक का टीका भाषणबाजी से नहीं मिटनेवाला है
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 27, 2012
Rating:

सर का सन्देश सुन कर अपने वास्तिवकता का ज्ञान हो रहा हैं......
ReplyDeleteसर से इस वीडियो को बिहार विधान सभा में दिखलाना चाहीए.... आंकड़े जानने के बाद भी आँख न खुले तो ये आत्महत्या से कम नहीं होगा...
Everybody knows despite the efforts by present government Bihar is still most backward state in India. And Madhepura is leading in backwardness.
ReplyDeleteDespite the backwardness you should feel proud that your MP speaks on every issue in Parliament... Except Madhepura ;}