जिला मुख्यालय स्थित टीपी कॉलेज के प्रशिक्षण कक्ष में यूनिसेफ और राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा बच्चों में डायरिया कंट्रोल करने की विधि की जानकारी दी गयी.एक दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर में जिले के मुरहो पंचायत की आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं को डायरिया के नियंत्रण में जिंक की गोली के महत्त्व के बारे में विशेष जानकारी दी गयी.जानकारी देने के लिए यूनिसेफ के विशेष ट्रेनर मौजूद थे.इस
कार्यक्रम को संचालित कर रहे डिप्टी डायरेक्टर डा० नयन कुमार ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि भारत में डायरिया के कारण शिशु मृत्यु दर अधिक है जिसकी एक प्रमुख वजह बच्चों में डायरिया का होना है.इस कार्यक्रम में ओआरएस के अलावे जिंक की गोली के महत्त्व और उसके सही डोज के बारे में इन्हें बताया जा रहा है.इसे लागू करने पर आने वाले समय में निश्चित ही शिशु मृत्यु दर में कमी होगी.
कार्यक्रम को संचालित कर रहे डिप्टी डायरेक्टर डा० नयन कुमार ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि भारत में डायरिया के कारण शिशु मृत्यु दर अधिक है जिसकी एक प्रमुख वजह बच्चों में डायरिया का होना है.इस कार्यक्रम में ओआरएस के अलावे जिंक की गोली के महत्त्व और उसके सही डोज के बारे में इन्हें बताया जा रहा है.इसे लागू करने पर आने वाले समय में निश्चित ही शिशु मृत्यु दर में कमी होगी. इस अतिव्यवस्थित कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य प्रबंधक धनंजय कुमार के अलावे अन्य कई पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.
सेविका और आशा को डायरिया मैनेजमेंट की ट्रेनिंग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 26, 2012
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 26, 2012
Rating:

No comments: