गिरफ्तार अभियुक्त |
वि० सं० /११ फरवरी २०१२
जिला मुख्यालय के बाय पास रोड से अपहृत छात्रा (पढ़ें:छात्रा का अपहरण:फिरौती की मांग) की बरामदगी करने में मधेपुरा पुलिस की असफलता पर अब लोग संदेह व्यक्त करने लगे हैं.वहीं इस मामले में पुलिस ने एक एक अभियुक्त चेतन आनंद(१९ वर्ष) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.इस अभियुक्त से सम्बन्ध में पुलिस का दावा है कि छात्रा के अपहरण में इसका हाथ है.पुलिस का ये भी मानना है कि यह अभियुक्त इस कांड के मुख्य अभियुक्त मंटू यादव का दोस्त है और इस कांड में इसकी गहरी संलिप्तता है.
चेतन आनंद की गिरफ्तारी ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं जिसका जवाब लोगों को ढूँढने से भी नहीं मिल रहा है.सबसे पहला कि यदि पुलिस ने इस अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है तो वह इससे यह उगलवाने में क्यों असफल रही कि छात्रा कहाँ है?किसी भी अपहरणकर्ता की गिरफ्तारी के बाद भी अपहृता का बरामद न होना पुलिस की संदिग्धता से जोड़कर देखा जा रहा है.इस कांड में उस समय एक अजीबोगरीब मोड़ आया जब अपहृता छात्रा की ओर से न्यायालय में आवेदन दाखिल किया गया.आवेदन अधिवक्ता नन्द किशोर कुमार के द्वारा दाखिल किया गया जिस पर छात्रा के हस्ताक्षर मौजूद है.यहाँ एक बड़ा सवाल यह उठता है कि एक अधिवक्ता के पास अपहृता आ जाती है या अधिवक्ता अपहृता के पास चले जाते हैं, पर पुलिस लड़की को खोजने में लाचार क्यों है?
आपराधिक पृष्ठभूमि रही है चेतन आनंद की: पुलिस तथा स्थानीय लोगों का भी मानना है कि गिरफ्तार चेतन आनंद की पृष्ठभूमि आपराधिक रही है.उससे पूर्व भी शहर के एक चिकित्सक को फोन से जान से मारने की धमकी देने में इस शख्स का नाम आ चुका है.इसकी गलत संगति की चर्चा भी शहर में है.ऐसी हालत में मधेपुरा के लोगों को ये आसानी से विश्वास हो रहा है कि अपहरण जैसे मामले में चेतन का हाथ हो सकता है.
जो भी हो, इतने दिनों के बाद भी छात्रा की बरामदगी न हो पाने से मधेपुरा पुलिस की क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगता हुआ नजर आता है.
छात्रा अपहरण मामले में एक गिरफ्तार पर नहीं हुई छात्रा बरामद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 11, 2012
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