वि० सं०/१८ जनवरी २०१२
“मैं हूँ प्रेम रोगी,मेरी दवा तो कराओ,
जाओ किसी वैद्य को बुलाओ,
मेरा इलाज कराओ.”
और महुआ, घैलाढ़ के विजय सिंह ने लंबे समय से बीमार चली आ रही बेटी प्रीति की बीमारी ठीक होता न देख गाँव वालों की सलाह मान ली और चले गए एक तांत्रिक के पास.सौरबाजार का तांत्रिक संजय यादव उर्फ संजय भगता झाड़-फूंक से इलाज करने के लिए मूर्खों के बीच लोकप्रिय था. तांत्रिक संजय भगता का इलाज मानो प्रीति की बीमारी के लिए रामवाण साबित हुआ.कहते हैं प्रेम में बड़ी शक्ति होती है, यह बड़े से बड़े रोग को ठीक कर देता है.और यहाँ शायद प्रीति प्रेम-रोगी ही थी.वैद्य जी ने चिकनी-चुपड़ी बातों से प्रीति का इलाज किया और साथ में वशीकरण मन्त्र भी फेंका.बस, हो गयी प्रीति संजय के प्रेम में गिरफ्तार.पिता को लगा कि बेटी को भगता ने ठीक किया है,ये शायद बहुत ही अच्छा वैद्य है.उसके बाद तांत्रिक संजय इलाज के अगले कोर्स के साथ प्रीति के घर आने-जाने लगा.और पिछले पन्द्रह जुलाई को संजय एक गाड़ी लेकर आया और किसी दूसरे वैद्य से प्रीति को दवा पिलवाने के नाम पर ‘ए, क्या बोलती तूं’ करवाते हुए उसे ले भागा.
पिता ने शादीशुदा और बाल-बच्चेदार संजय पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया तो पुलिस भी केस के मुताबिक़ बिजी हो गयी.पर आज न्यायालय के सामने आकर प्रीति ने जो बयान दिया उसने अपहरण के आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया.
प्रीति ने कहा कि वह संजय से प्यार करती है.वह जानती थी कि संजय शादीशुदा और बाल-बच्चेदार आदमी है.उसने बिना मम्मी-पापा की मर्जी के संजय से शादी का फैसला किया.दोनों ने बैजनाथपुर मंदिर में शादी की और वहाँ से दिल्ली चले गए.संजय फुसलाकर नहीं ले गया.हम उसे दिलोजान से प्यार करती हूँ.उसके बिना हम नहीं रह सकते.अपनी मर्जी से शादी की.पापा ने गलत केस किया.मम्मी-पापा-भाई के साथ तो बिलकुल नहीं जाना चाहती हूँ.संजय के साथ ही जाना चाहूंगी.
जिले में एक और अपहरण का मामला निकला प्रेम-प्रसंग.प्रेम भी ऐसा जिसने न जात देखी,न उम्र और न ही ये कि प्रेमी शादीशुदा और बाल-बच्चेदार है.लोगों ने कहा प्रेम तो अंधा होता ही है.
तांत्रिक का वशीकरण मन्त्र रहा सफल,रोगी बनी प्रेम-रोगी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 18, 2012
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sex relative news publish karne ki nature ban gai hai ka? madhepura dist me good work nahi hota hai kiya?
ReplyDeleteplese publish some good news.