एक लम्हा.....!!!!

एक लम्हा जो जिँदगी से कभी गया नही,
 हम भूले हो उसे एक पल के लिये
 ऐसा भी कभी हुआ नही..!

 रास्ते बहुत थे कुछ जाने पहचाने कुछ अन्जाने,
 पर मंजिल तक जो जाता,
 हमे ऐसा कोई रास्ता मिला नही..!!

 हमे वो मिला है जो नसीब मेँ था,
 किसी से शिकवा कोई गिला नही,
 हमने निभाया है जिँदगी का साथ हर हालात मे,
 मुकाम और भी मिल सकते थे,
 पर वक्त ने साथ दिया नही...!!!

 एक लम्हा जो बदल सकता था जिँदगी के मायने,
 बहुत कोशिश की जिँदगी को बदलने की,
 पर जिँदगी से वो लम्हा मिला नही......!!!!


--सुषमा 'आहुति', कानपुर
एक लम्हा.....!!!! एक लम्हा.....!!!! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 22, 2012 Rating: 5

4 comments:

  1. राजीव रंजनSunday, 22 January, 2012

    सुन्दर...

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  2. मार्मिक कविता ..बेहद मार्मिक पंक्तिया है सुषमा जी ...

    एक लम्हा जो बदल सकता था जिँदगी के मायने,
    बहुत कोशिश की जिँदगी को बदलने की,
    पर जिँदगी से वो लम्हा मिला नही ....!!

    यह एक ओर अच्छी रचना है आपकी ओर से ...!!

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  3. दिल को छू जाने वाली रचना है... अदभुत...

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