ये प्यार था या कुछ और था?

दिल देता हैं रो रो दुहाई,
किसी से कोई प्यार ना करे.
कोई समझे किसीको ना अपना,
झूठा निकलेगा जीवन का सपना.
खूब अपनी हुयी जग हँसाई,
किसी से कोई प्यार ना करे.
वर्ष १९९३ की फिल्म फिर तेरी कहानी याद आई के एक गाने की कुछ पंक्तियाँ आज मुरलीगंज के विक्की पर सटीक बैठती है.मुरलीगंज की इस घटना को जानकर शायद कुछ लोगों का भरोसा प्यार पर से उठने लगे.इस उलझी कहानी में प्यार,समर्पण के साथ धोखा भी है.जहाँ खुशबू को अपने प्रेमी को बचाने की चिंता भी है,वहीं अब वह उसके साथ हुई शादी को ठुकराने के लिए भी तैयार है.
  इसी साल ०८ अप्रैल को पड़वा,मुरलीगंज की मुन्नी देवी ने थाने में एक रिपोर्ट उसकी बेटी दर्ज कराई कि उसकी बेटी खुशबू कुमारी, जो बी.एल.हाई स्कूल में पढती थी, के साथ मुरलीगंज के विक्की यादव ने पिछले साल बहला-फुसलाकर चौकीदार दामोदर पासवान के घर में गलत काम करना चाहा.पर पकड़ा जाने पर लोगों ने दोनों को समझा-बुझा कर छोड़ दिया था.पर इस साल ०८ अप्रैल की रात जब खुशबू को उसने गायब पाया तो खोजने पर पता चला कि विक्की ने ही शादी की नीयत से या गलत काम करने खुशबू को मोटरसायकिल पर बिठाकर भगा ले गया है.
  पर करीब पांच महीने के बाद आयी खुशबू ने आकर न्यायालय में जो बयान दिया उसने सबकुछ उलझा कर रख दिया.उससे पहले आज हुए मेडिकल टेस्ट में यह बताया गया है कि खुशबू के निजी अंगों पर कोई खरोच के निशान नहीं हैं.पर शारीरिक सम्बन्ध रहने का पता चलता है.खुशबू ने कहा कि विक्की से उसने शादी मर्जी से सिंघेश्वर मंदिर में पूर्व में ही कर ली थी.पर विक्की उसे जबरदस्ती ले गया और पटना तथा राजस्थान घुमाता रहा.खुशबू ने आगे कहा कि मेरी नजर में विक्की निर्दोष है.मैं नहीं चाहती कि उस पर मुकदमा चले.यहाँ तक तो खुशबू का बयान बहुत हद तक समझ में आता है,पर आगे जो उसने कहा,वो बिलकुल हैरान कर देने वाला था.खुशबू ने कलह कि वह अपने माँ-बाप के साथ जाना चाहती है,और विक्की के साथ हुई अपनी शादी को नहीं मानती है.
  यहाँ एक बड़ा सवाल ये है कि मर्जी से शादी करना.शारीरिक सम्बन्ध का बनना और अपने प्रेमी को निर्दोष बताना तो फिर अब क्यों नहीं खुशबू अपने मर्जी से की गयी शादी को मान रही है?कुछ लोगों का ये भी मानना हो सकता है कि ये शायद जवानी की भूल थी,जिसका एहसास खुशबू को अब होने लगा है.जो भी हो,विक्की के लिए तो खुशबू का प्यार अब एक धोखा ही बन कर रह गया.या फिर बात ये भी हो सकती है कि विक्की ने ही इसे ठुकरा दिया,जिससे खुशबू के होश ठिकाने आ गए, पर अब भी वो अपने प्यार की सलामती ही चाहती है.उलझे हुए प्रश्न का जवाब खोजना काफी मुश्किल लगता है,पर इस राज पर से पर्दा शायद अब विक्की ही उठा सके,जो फरार है,क्योंकि खुशबू अब इस पर ज्यादा बोलना नहीं चाहती.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)

ये प्यार था या कुछ और था? ये प्यार था या कुछ और था? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 04, 2011 Rating: 5

5 comments:

  1. pyar hume kis mod pe le aaya. . . . . . . ki dil kare haye. . . . . haye koi ye bataae kya hoga. . . . .
    "TRIYA CHARITRA. . . . . . 'VIKKI BABU'. . . . ."

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  2. PYAR HI HUME SAB KUCH SIKHATA HAI,PYAR HAI TO YE KHUBSHURAT SI DUNIYA HAI, PYAR HI HAI JO HUME EK DUSRE SE JODE RAKTHA HAI,,,,,....

    CHANDAN SHARMA(9569939175)
    (LIVE NOW CHANDIGARH, I AM BELONG TO MADHEPURA(DURGAPUR))

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  3. dono ko goli maar do...no need waste any more time.

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  4. dono ko goli maar do. padhne ke umr me pyar kane maza do...bloody fool

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