दो साल के बाद देशी मछलियों की आई बहार

संवाददाता/१८ सितम्बर २०११
कोशी क्षेत्र में २००८ की कुसहा त्रासदी के बाद दो वर्षों से देशी मछलियों की घोर किल्लत हो गयी थी.मछली खाने वाले शौकीनों को जहाँ आंध्र प्रदेश से आयातित मछलियाँ खाकर ही संतोष करना पड़ रहा था,वहीं इस बार बाजार में देशी मछलियाँ भरपूर मात्रा में नजर आ रही है.शौकीनों की भीड़ जहाँ मछली विक्रेता के पास मछली खरीदने के लिए जमा दिखती है,वहीं इस बार दर भी पिछले दो सालों की तुलना में कम होने से ग्राहक कुल मिलाकर संतुष्ट ही नजर आ रहे हैं.ताजी और जिन्दा मछलियाँ जहाँ १२० से लेकर १५० रूपये प्रतिकिलो बिक रही है,वही आंध्र प्रदेश की बासी और बर्फ की मछलियाँ करीब १०० रूपये प्रतिकिलो बेची जा रही है.ऐसे में ग्राहक देशी मछलियों पर कोई समझौता नही करना चाह रहे हैं.
   बताया जाता है कि प्राकृतिक आपदा के बाद इलाके में पानी का जलस्तर काफी नीचे चला गया था.विगत वर्षों में सरकार द्वारा मछली पालकों को भी उन्नत बीज उपलब्ध नही कराया जा सका.मछलियों के महंगी होने के कारण मत्स्य व्यवसायियों ने भी इसमें रुचि लेना कम कर दिया था.पर इस बार छोटे धारों और नदियों में पानी आने के कारण प्रारम्भ से ही ये उम्मीद की जा रही थी कि इस बार देशी मछलियाँ प्रचुर मात्रा में मिल सकती हैं.और अब मधेपुरा में मछली बाजार देशी मछलियों से सज चुका है.
दो साल के बाद देशी मछलियों की आई बहार दो साल के बाद देशी मछलियों की आई बहार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 18, 2011 Rating: 5

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