मधेपुरा का सड़क संपर्क तो राज्य की राजधानी से कब का टूट चूका था.पर आज इस इलाके के लोगों की मुसीबत तब और बढ़ गयी जब प्रशासन की लापरवाही से मधेपुरा-पूर्णियां का लाइफलाइन माना जाने वाला बलुआहा डायवर्सन भी आवागमन के लिए बंद हो गया. दरअसल प्रशासन के लोगों की निगाहें सिर्फ डायवर्सन पर ही केंद्रित रहा जबकि इसके सटे एप्रोच पथ की घेराबंदी करने की जरूरत प्रशासन ने नहीं महसूस की.इलाके के कई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने सभी छोटी-बड़ी नदियों के जलस्तर को बढ़ा दिया है.आज पिछले पहर जब एप्रोच पथ के ऊपर से लगभग बीस फीट की चौड़ाई में जब पानी बहने लगा तो वाहन चालकों ने खतरे की आशंका को भांपते हुए वाहनों का परिचालन रोक दिया.हैरत की बात तो ये थी कि उस समय तक प्रशासन की ओर से सिर्फ एक होमगार्ड स्तर का आदमी ही वहां मौजूद था.हालांकि देर शाम तक सैप के कुछ जवान यहाँ पहुँच कर दिशा-निर्देश देते नजर आये.बता दें कि डायवर्सन का मुख्य भाग जहाँ सीमेंट के पाइप लगे हैं, पर अभी भी पानी नहीं चढ़ा है, पर एप्रोच पथ के ऊपर से पानी तेज रफ़्तार से बह रहा है.यहाँ पूर्व में बना जर्जर पीपा पुल,जो अब सिर्फ छोटी सवारियों के आवगमन के लिए ही उपयुक्त रह गया था,भी पानी बढ़ने से सामान्य से ऊँचा उठ गया है.हालांकि प्रशासन ने पूर्व में ही पीपा पुल पर से चलने की मनाही कर रखी थी.इस मार्ग के बंद हो जाने से इलाके के लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं.उधर मुरलीगंज से सटे बेंगा पुल डायवर्सन पर भी पानी चढ़ने की आशंका बढ़ गयी है.जलस्तर घटने तक प्रशासन को इन रास्तों की मरम्मत करने में बड़ी कठिनाई का सामना करना होगा.जो भी हो,२००८ की कुसहा त्रासदी के बाद से इस इलाके के लोगों का दर्द कम होने का नाम नही ले रहा और इसके लिए प्रशासन की लापरवाही को ही एक बड़ा कारण माना जा सकता है.
बलुआहा पुल हुआ बंद:मधेपुरा का संपर्क पूर्णियां से टूटा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 19, 2011
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