जिले में उच्च शिक्षा का माहौल लंबे समय से बिगड़ा हुआ है, इस बात से अधिकांश लोग सहमत होंगे.पर जिला मुख्यालय स्थित पार्वती विज्ञान महाविद्यालय में शिक्षण का माहौल तैयार होने लगा है.कारण स्पष्ट दीखता है,छात्र की उपस्थिति यहाँ भले ही विभिन्न कारणों से कम हो जाय,पर अब शिक्षक की वर्ग में उपस्थिति इस महाविद्यालय में नजर आने लगी है.स्वाभाविक है, छात्रों को जब इस बात की जानकारी होगी कि वर्ग नियमित रूप से चल रहे हैं,तो उनका रुझान पढाई के प्रति बढ़ना भी लाजिमी है.जिले के कॉलेजों में शिक्षा का वर्तमान माहौल कैसा है, इसपर जब मधेपुरा टाइम्स ने
प्राचार्य डा० के०पी० यादव |
पार्वती विज्ञान महाविद्यालय का दौरा किया तो यहाँ कुछ वर्गों में पढाई हो रही थी.छात्र की उपस्थित तो कम थी, पर शिक्षक अपने काम में लगे थे. महाविद्यालय में अभी इंटर तथा डिग्री पार्ट-I के वर्ग चल रहे हैं,जबकि पार्ट-II तथा पार्ट-III की परीक्षा हो रही है.महाविद्यालय के प्राचार्य डा० के० पी० यादव ने महाविद्यालय की शिक्षा पर हमसे विस्तार से बातचीत की. महाविद्यालयों के लिए बनाए गए नियम के अनुसार छात्रों की उपस्थिति 75 फीसदी होनी चाहिए, और इस महाविद्यालय में इस नियम
को सख्ती से लागू करवाने के प्रयास किये जाते है जिससे छात्र कॉलेज आ सकें.ये भी एक वजह है कि इस कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति कुल एडमिशन का करीब ४० फीसदी नजर आती है.हालांकि प्राचार्य डा० के० पी० यादव का मानना है कि हाल के दिनों में छात्रों तथा अभिभावकों में पढाई के प्रति अधिक जागरूकता आई है.लोगों के अनुसार पार्वती विज्ञान महाविद्यालय में शिक्षण का माहौल तैयार करने में यहाँ के प्राचार्य तथा कॉलेज के कुल ८७ शिक्षकों का भी बहुत योगदान है.महाविद्यालय के प्राचार्य छात्रों की रुचि पढ़ाई में पैदा करने के उद्येश्य से छात्रों और शिक्षकों के बीच में गेट टुगेदर भी करवाते हैं.यहाँ इंटर के लिए साइंस में छात्रों का कोटा ७६८, आर्ट्स में ५१२ तथा कॉमर्स में भी ५१२ है, पर कॉमर्स में अक्सर कोटा खाली ही रह जाता है.
कॉलेज में पढ़ाई पूर्व के कुलपति के समय में बेहतर थी या इस नए कुलपति में? इस प्रश्न का उत्तर प्राचार्य बड़े ही डिप्लोमैटिक ढंग से देते हैं कि यहाँ की पढ़ाई किसी वीसी से प्रभावित नही होती है,बल्कि यहाँ के शिक्षक और छात्रों की जागरूकता ही इस महाविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बनाये रखे हुए है.प्राचार्य का ये भी मानना है कि आने वाले समय में कॉलेज अपना प्रदर्शन और बेहतर कर सकेगा.
कुल मिलाकर इस कॉलेज को देखकर यही लगता है कि मधेपुरा में अभी शैक्षणिक वातावरण पूरी तरह नहीं बिगड़ा है और उम्मीद की जा सकती है कि आनेवाले समय में जिले में बेहतर पढ़ाई का वातावरण बन सकेगा.
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
पार्वती विज्ञान महाविद्यालय:बनने लगा है शिक्षण का वातावरण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 04, 2011
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