तीनटंगा की हत्या भूमि विवाद का नतीजा

हत्या के बाद विलाप करती पत्नी
रूद्र ना० यादव|१२ अगस्त २०११
एक बड़ी ही पुरानी कहावत है, जर,जोरू,जमीन जोर की,नहीं तो किसी और की. यानी इस कहावत के अनुसार झगड़े की तीन ही वजहें होती हैं,जर यानी रूपया,जोरू यानी महिला और जमीन यानी जायदाद.उदाकिशुनगंज थाना के मधुबन पंचायत के तीनटंगा गाँव में सोये अवस्था में ओमप्रकाश यादव की हत्या का कारण भी जमीन संबंधी विवाद बताया जाता है.मृतक के भाई जयप्रकाश यादव के बयान पर गाँव के ही श्याम मंडल,संजय मंडल,हीरा मंडल और मन्खुश मंडल के विरूद्ध इस हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.बकौल जयप्रकाश यादव ये गुरूवार की रात दो बजे की घटना है जब पहले कुत्तों के भौंकने और फिर गोली की आवाज पर जयप्रकाश की नींद खुली तो उसने उक्त चारों अभियुक्तों को हथियार के साथ भागते हुए देखा.बताया जाता है कि गोली इतने करीब से मारी गयी थी कि वही गोली छिटककर बगल में सोये मृतक के दस वर्षीय बेटे प्रिंस के भी सर से टकरा गयी,जिससे उसकी भी स्थिति गंभीर बताई जाती है. मृतक की पत्नी पूनम देवी और उसके तीन छोटे बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है.आरक्षी अधीक्षक ने कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होगी और उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नही जायेगा.
तीनटंगा की हत्या भूमि विवाद का नतीजा तीनटंगा की हत्या भूमि विवाद का नतीजा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 12, 2011 Rating: 5

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