

शिक्षकों को अपने देश में राष्ट्र निर्माता की संज्ञा दी गयी है.सरकार ने भी छात्रों को न पीटने के लिए क़ानून बना रखे हैं.पर ये तथाकथित राष्ट्रनिर्माताओं की करतूत से न केवल सरकारी आदेश की
धज्जी उड़ रही है,बल्कि ऐसे में छात्र भी पढ़ाई से मुंह चुरा सकते हैं.मुकुंद के लिए तो आज का दिन उसकी जिंदगी का कभी न भूलने वाला दिन साबित हुआ,पर अगर ऐसे शिक्षकों को माकूल सजा न मिल पाई तो शायद सुधारने के नाम पर अंधाधुंध पिटाई का ये सिलसिला कभी न रुक पायेगा.
धज्जी उड़ रही है,बल्कि ऐसे में छात्र भी पढ़ाई से मुंह चुरा सकते हैं.मुकुंद के लिए तो आज का दिन उसकी जिंदगी का कभी न भूलने वाला दिन साबित हुआ,पर अगर ऐसे शिक्षकों को माकूल सजा न मिल पाई तो शायद सुधारने के नाम पर अंधाधुंध पिटाई का ये सिलसिला कभी न रुक पायेगा.
एक पन्ना फाड़ने पर गुरु ने शिष्य का हाथ तोड़ा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 18, 2011
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