रूद्र ना० यादव/२३जुलाई२०११
अगर आप अपनी बेटी की शादी लगा रहे हैं तो सोच समझ कर वर का चुनाव करें.अगर आप बिना उसकी मर्जी उसके लिए पति चुन देते हैं तो आप शायद गलतफहमी में हो सकते हैं कि वह आपके पसंद को आँख मूँद कर मान लेगी.याद रखें आपकी बेटी पसंद के लड़के के साथ भाग भी सकती है और इससे समाज में आपकी इज्जत भी फिर सकती है.कुछ ऐसा ही हुआ मधेपुरा के चंदा गाँव में, जहाँ नुसरत नाम की एक लड़की का विवाह पिता ने एक शराबी लड़के से तय कर दिया.जब नुसरत को इस बात की भनक लगी तो उसने विरोध कर दिया.और जब पिता अपनी बात पर अड़े रहे तो नुसरत ने अपने पसंद के लड़के से बात की और घर से भाग निकली.जैसा अक्सर होता है, पिता ने पता लगाकर उस लड़के के खिलाफ अपहरण का मुकदमा तो दर्ज करा दिया,पर अब एक साल बाद नुसरत ने लौटकर अपहरण की बात सिरे से खारिज कर दी.
बच्चे के साथ नुसरत |
एसपी से फ़रियाद |
एक साल बाद जब नुसरत लौटी तो नुसरत के गोद में एक प्यारा सा बच्चा था जो उसके पसंद के पति से हुआ था.सीधे आरक्षी अधीक्षक मधेपुरा के पास पहुँच कर नुसरत अपने पिता के विरोध और पति के समर्थन में जोरदार तरीके से उतरी.नुसरत ने बताया कि शराबी लड़के के साथ
विवाह तय होने पर उसने पुरजोर तरीके से विरोध किया था पर जिद्दी पिता नही माने थे.इसलिए मैं अब एक बच्चे के साथ आई हूँ ताकि समाज को हमारा रिश्ता अपनाना ही पड़े.अपहरण की बात बिलकुल झूठ है, और मैं अपने पसंद के पति के साथ बेहद खुश हूँ.
विवाह तय होने पर उसने पुरजोर तरीके से विरोध किया था पर जिद्दी पिता नही माने थे.इसलिए मैं अब एक बच्चे के साथ आई हूँ ताकि समाज को हमारा रिश्ता अपनाना ही पड़े.अपहरण की बात बिलकुल झूठ है, और मैं अपने पसंद के पति के साथ बेहद खुश हूँ.
आरक्षी अधीक्षक ने बताया कि नुसरत के भागने पर अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था, पर ये एक प्रेम प्रसंग का मामला है.लड़की का बयान अब न्यायालय में धारा १६४ दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कराया जाएगा.
आज के बदलते दौर में यदि अभिभावक सोच समझ कर बेटी के लिए वर का चुनाव नहीं करते हैं तो अकसर ऐसी घटना घटित हो जाती है.नुसरत के पिता भी अगर विचार कर कदम उठाते तो उन्हें ऐसी फजीहत नही झेलनी पड़ती.जरूरत है समाज के जागरूक होने की.
और जब नुसरत ने की अपनी मर्जी से शादी.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 23, 2011
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