रूद्र ना० यादव/२३ मई २०११
मधेपुरा जिले में लगभग सभी फसलों ने या तो नकली बीज या फिर प्रकृति की मार के कारण किसानों को बर्बादी का ही रास्ता दिखाया है.पर मक्के की शानदार पैदावार से जिले के किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं.मक्के की शानदार उपज होने का कारण है इसके बीज की नयी और हाइब्रिड किस्मों का उपलब्ध होना. गंगा, जौनपुरी, कारगिल, पायनीयर आदि बीज की किस्मों ने मक्का की खेती को एक नया आयाम दिया है.आलम यह है कि मधेपुरा समेत कोशी का मक्का अब
पूरे भारत में तो भेजा जा ही रहा है साथ ही ये पाकिस्तान और बांगलादेश जैसे देशों को भी निर्यात
होने लगा है.खासकर इस साल तो मक्के में दाने भी बड़े-बड़े आये हैं जिससे प्रति हेक्टेयर पैदावार में काफी बढोतरी हुई है.इस बार की उम्दा पैदावार के कारण किसान तो कम रेलवे और ट्रक वाले भी
मालामाल हो रहे हैं.बता दें कि इस वर्ष इस इलाके से ६० हजार टन से भी ज्यादा मक्का निर्यात होने की सम्भावना है.
पूरे भारत में तो भेजा जा ही रहा है साथ ही ये पाकिस्तान और बांगलादेश जैसे देशों को भी निर्यात
होने लगा है.खासकर इस साल तो मक्के में दाने भी बड़े-बड़े आये हैं जिससे प्रति हेक्टेयर पैदावार में काफी बढोतरी हुई है.इस बार की उम्दा पैदावार के कारण किसान तो कम रेलवे और ट्रक वाले भी
मालामाल हो रहे हैं.बता दें कि इस वर्ष इस इलाके से ६० हजार टन से भी ज्यादा मक्का निर्यात होने की सम्भावना है.

मक्का की खेती ने किसानों को दी एक नई ऊँचाई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 23, 2011
Rating:

very true
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