सदर अस्पताल मधेपुरा में लिखा ईमानदारी का पाठ |
रूद्र ना० यादव/०१ मई २०११
स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितता के विरूद्ध आर टी आई कार्यकर्ता अंगद यादव ने जंग का एलान कर दिया है.विभाग के अंतर्गत यात्रा भत्ता घोटाले के सनसनीखेज मामले को उजागर करते हुए श्री यादव ने कहा है कि वित्तीय वर्ष २००८-०९ तथा २००९-१० के दरम्यान स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लाखों रूपये की अवैध निकासी की गयी है.उन्होंने कहा है कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से उपलब्ध कराई गयी सूचनाओं में से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं,जिससे इस घोटाले की पुष्टि होती है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ वर्ष २००८-०९ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शंकरपुर में जहाँ यात्रा भत्ता के नाम पर ३०००/-रू० की निकासी की गयी वहीं वर्ष २००९-१० में छ: गुना से भी अधिक १९,९७९/- रू० की निकासी की गयी है.इसी प्रकार प्रा० स्वा० केन्द्र उदाकिशुनगंज में वित्तीय वर्ष २००८-०९ में जहाँ ११३००/-रू० की निकासी की गयी,वहीं २००९-१० में तीन गुना से भी अद्शिक यात्रा भत्ता की राशि ३६,३३०/-रू० की निकासी और प्रा० स्वा० केन्द्र गम्हरिया में वर्ष २००८-०९ में जहाँ ३०००/-रूपये यात्रा भत्ता के रूप में निकासी की गयी वहीं वर्ष २२०९-१० में पांच गुना से भी अधिक १५,९७०/-रूपये की निकासी की गयी.इसी तरह वर्ष २००८-०९ में प्रा० स्वा० केन्द्र आलमनगर में २३,७००/रू०, प्रा० स्वा० केन्द्र सिंघेश्वर में ६,५००/-,ग्वालपाडा में २६००/-,कुमारखंड में १६,८९०/-तथा घैलाढ़ में १६,०६०/-रू० एवं वर्ष २००९-१० में उक्त प्रा० स्वा० केन्द्रों में यात्रा भत्ता के रूप में निकासी की गयी राशि क्रमश: २१,९००/, ९०००/-, २९७०/-, १९७२०/- तथा ०/-रू० है.
उन्होंने कहा है कि सिविल सर्जन कार्यालय, मधेपुरा समेत सभी प्रा० स्वा० केन्द्रों के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों द्वारा यात्रा भत्ता के रूप में प्राप्त राशि, यात्रा भत्ता से सम्बंधित पारित अभिश्रव तथा दैनिक उपस्थिति पंजी की छायाप्रति की मांग सूचना अधिकार के अंतर्गत उनके द्वारा विगत महीनों में किया गया है जिनके परिपेक्ष्य में कई प्रा० स्वा० केन्द्रों के अलावे स्वयं सिविल सर्जन कार्यालय से वांछित सूचनाएं अब तक अप्राप्त हैं. प्रा० स्वा० केन्द्र कुमारखंड के यात्रा भत्ता वाउचर से स्पष्ट होता है कि यात्रा भत्ता पाने वाले कर्मचारी किन सरकारी कार्यों के लिए अपने कार्यालय से बाहर गए और किनके आदेश पर, ये स्पष्ट नही होना घोटाले और अवैध निकासी को दर्शाता है.साथ ही पारित अभिश्रव से यह प्रतीत होता है कि एक ही तारीख को एक से अधिक कर्मचारी सरकारी कार्य हेतु जिला मुख्यालय की यात्रा दिखाकर विशुद्ध बंदरबांट किये हैं जो कि दैनिक उपस्थिति पंजी से भी स्पष्ट हो जाएगा.हैरत की बात यह है कि अवैध तरीके से यात्र भत्ता पाने के लिए बनाए गए विपत्र को सम्बंधित प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी अभिप्रमाणित कर भुगतान का आदेश देते हैं.इससे यह स्पष्ट है कि अधिकारी की मिलीभगत से ही इस प्रकार के घोटाले को अंजाम दिया जाता है.बता दें कि सिविल सर्जन कार्यालय समेत सभी प्रखंड के चिकित्सा अधिकारियों की भी यही स्थिति है जो गहन जांच के बाद ही उजागर हो सकेगा.श्री यादव ने कहा कि पंचायत चुनाव के बाद जिला समाहरणालय के समक्ष स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लाखों के टी० ए० घोटाले के विरूद्ध जांच की मांग तथा जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग में हो रहा टी० ए० घोटाला ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 01, 2011
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