केवल पंखों से कुछ नही होता,
हौसलों से उड़ान होती है.
हौसलों से उड़ान होती है.
कुछ ऐसे ही जज्बे के साथ ठीक एक वर्ष पहले 21 मार्च 2010 को मधेपुरा टाइम्स भ्रूण से पौध बनकर आकार ग्रहण किया.बदलते दौर में सूचना-प्रौद्योगिकी के साथ तारतम्य स्थापित करना मधेपुरा जैसे कस्बाई शहर के लिए किसी चुनौती से कम नही थी.उससे भी बड़ी चुनौती थी पत्रकारिता जैसे धंधे की पवित्रता को कायम रखने की.सीमित संसाधन और केवल चार लोगों की टीम लेकिन आप पाठकों की हौसलाअफजाई ने असम्भव को संभव में तब्दील कर दिया.
टीआरपी की शर्मनाक दौड़ और विज्ञापन की चिरौरी तथा सत्ता की दलाली से खुद को बचाए रखना हमारी प्राथमिकता थी.साल भर में दुनियां के करीब 50 देशों के लगभग 55 हजार पाठकों की रहनुमाई में हम पत्रकारिता की पवित्रता को बनाए रखने में सफल रहे हैं.चुनौतियां हमें पत्रकारिता जगत के लोगों से भी मिली लेकिन ‘गॉसिप’ के रूप में.धमकियाँ मिली सफेदपोशों से.पत्रकारिता की आड़ में मधेपुरा में दलाली करने वालों को हमने अपनी लेखनी से निरूत्तर किया तो सफेदपोशों से निपटने के लिए हमारा आत्मबल ही हमारा शस्त्र साबित हुआ.
हम आपसे 365 दिन की जीवंत यात्रा पर प्रतिक्रिया आमंत्रित करते हैं.हम नवजात हैं,गलतियाँ भी हुई होंगी,क्षमाप्रार्थी हैं.हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि पत्रकारिता हमारे लिए मिशन है कमीशन नही.समाज की हर सकारात्मक और नकारात्मक घटना को ख़बरों के कलेवर में आपतक पहुंचाना हमारा मिशन है.बेबाक और खरी-खरी आपतक परोसना हमारी धमनी में बह रहे रक्त का हिस्सा है.पाठकों के अतिरिक्त हम उन तमाम मित्रों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से मधेपुरा टाइम्स को सशक्त करने में शब्ददान किया. मधेपुरा टाइम्स के इंटरनेट संस्करण के बाद हम इसके प्रिंट संस्करण के साथ जल्द ही हाजिर होंगे.आपका स्नेह हमारा संबल है.
तमाम झंझावतों से लड़कर हम दूसरे अहम वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं.अबतक घुटनों के बल हम चलते रहे अब पंजे के सहारे चलने की बारी है.जाहिर है हम घर के बाहर कदम रखेंगे तो मठाधीशों के तख़्त और ताज भी गिरेंगे.सत्ता के मुंडेर पर बैठे बहरूपिये हों या प्रशासनिक महकमे में बैठे हुए भ्रष्ट हाकिम अथवा पत्रकारिता जगत के नकाबपोश, हम इनके मुखौटे को परत दर परत उतार कर आपके सामने रखेंगे,ये हमारा आपसे वादा है.
धन्यवाद
समन्वय टीम
मधेपुरा टाइम्स
संघर्ष और साधना के 365 दिन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 21, 2011
Rating:
Best wishes to you both on ur anniversary,
ReplyDeleteMay the love that you share Last your lifetime through,
As you make a wonderful pair
I LOVE U are words just three,which mean so much on our ANNIVERSARY. So, this is what i want to say,live in my heart n there 4 ever stay...
Dear sir,
Please do continue we are always with you
relay this is good for us
madhepura times madhepura ka gourav hai.
Thanks/Regads.
Alok
Abu Dhabi
UAE
sir jee mera party kaha hai
ReplyDeletei m here waiting for you
बहुत बहुत शुभकामनाएं को और इनके सभी सदस्यों को जिन्होंने मधेपुरा की तमाम छोटी-बड़ी ख़बरों को लोगों तक पहुँचने का सफल प्रयास किया | इसके साथ ही यहाँ के लोगों की सभी समस्याओं को अपने ख़बरों के माध्यम से दूर करने की पुरजोर कोशिश की और बहुत हद तक सफल भी हुए| मधेपुरा में हो रहे घोटालों और भी कई सारे ज्वलंत मुद्दों का पर्दाफास किया | आशा करती हूँ की MADHEPURATIMES आगे भी इसी तरह अपनी ख़बरों के साथ साथ मधेपुरा वासियों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी और इस कोशिश में हम सब MADHEPURA TIMES के साथ हैं|
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएं MADHEPURA TIMES को और इनके सभी सदस्यों को जिन्होंने मधेपुरा की तमाम छोटी-बड़ी ख़बरों को लोगों तक पहुँचने का सफल प्रयास किया | इसके साथ ही यहाँ के लोगों की सभी समस्याओं को अपने ख़बरों के माध्यम से दूर करने की पुरजोर कोशिश की और बहुत हद तक सफल भी हुए| मधेपुरा में हो रहे घोटालों और भी कई सारे ज्वलंत मुद्दों का पर्दाफास किया | आशा करती हूँ की MADHEPURATIMES आगे भी इसी तरह अपनी ख़बरों के साथ साथ मधेपुरा वासियों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी और इस कोशिश में हम सब MADHEPURA TIMES के साथ हैं|
ReplyDeleteAn anniversary is a time to celebrate the joys of today, the memories of yesterday, and the hopes of tomorrow. Best Wishes on Madhepura Times 1st Anniversary. Best wishes to Rakesh ji, Rudranarayan ji, Pankaji and Angad ji and how I miss sharing the Cake with you.
ReplyDeleteI dedicate the verses from Manzhar Bhopali for the occasion -
बेअमल को दुन्या में राहतें नहीं मिलतीं
दोस्तों दुआओं से जन्नतें नहीं मिलतीं
इस नए ज़माने के आदमी अधूरे हैं
सूरतें तो मिलती हैं, सीरतें नहीं मिलतीं
अपने बल पे लड़ती है अपनी जंग हर पीढ़ी
नाम से बुजुर्गों के अज्मतें नहीं मिलतीं
जो परिंदे आंधी का सामना नहीं करते
उनको आसमानों की रफतें नहीं मिलतीं
इस चमन में गुल बूटे खून से नहाते हैं
सब को ही गुलाबों की किस्मतें नहीं मिलतीं
शोहरतों पे इतरा कर खुद को जो खुदा समझे
मंज़र ऐसे लोगों की तुर्बतें नहीं मिलतीं
Congrats...Best wishes to all of u.. 4 ur 1st anniversary.
ReplyDeleteशुक्रिया आलोक जी,पल्लवी,सूरज जी,निखिल जी.
ReplyDeleteआपलोगों के पूर्ण सहयोग से ही हम आगे बढते जा रहे हैं.हमारी ये कोशिश हमेशा रहेगी कि हम निर्भीकता से मधेपुरा की सारी सही स्थिति आप लोगों तक पहुंचाते रहें.आशा है आपलोगों का सहयोग हमें यूं ही मिलता रहेगा.