रूद्र नारायण यादव/२६ जुलाई २०१०
सरकार की उदासीनता ने जिले में एक और व्यक्ति की जान ले ली.जिले के गम्हरिया प्रखंड के बेलही निवासी योगेन्द्र यादव ने उस समय सपने में भी नही सोचा था कि रविवार का दिन उसे दुनिया से ही छुट्टी कर देगा.किसान योगेन्द्र यादव की मौत डूबने से उस समय हो गयी जब वे बेलही नदी पार कर खेत में काम करने जा रहे थे.प्राप्त जानकारी के अनुसार बेलही के
ग्रामीणों ने डेढ़ माह पूर्व ही सीओ को यह लिखित सूचना दी थी कि गांव का बेलही पुल ध्वस्त हो गया है कम से कम नाव की व्यवस्था तत्काल करा दी जाय.
दूसरी गुहार ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के जनता दरबार में भी की थी कि पुल का निर्माण भी कराया जाय और नाव तो अविलम्ब मुहैया कराया जाय.पर प्रशासन के कानों पर जूं तक रेंगी.बरसात आते ही नदी में पानी का उफान बढ़ने लगा था,और एक किसान की जान इसी कारण से गयी.गम्हरिया पुलिस ने जब लाश को पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा अस्पताल लाया तो यहाँ प्रगतिशील जनाधिकार मंच,भाकपा और एनसीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता ने लाश को अपने कब्जे में लेकर मस्जिद चौक के निकट मुख्यमार्ग पर यातायात को जाम कर दिया और जम कर प्रशासन विरोधी नारे लगाये.नेताओं ने मृतक के परिवार को पांच लाख मुआवजे देने की भी मांग की.
ग्रामीणों ने डेढ़ माह पूर्व ही सीओ को यह लिखित सूचना दी थी कि गांव का बेलही पुल ध्वस्त हो गया है कम से कम नाव की व्यवस्था तत्काल करा दी जाय.
दूसरी गुहार ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के जनता दरबार में भी की थी कि पुल का निर्माण भी कराया जाय और नाव तो अविलम्ब मुहैया कराया जाय.पर प्रशासन के कानों पर जूं तक रेंगी.बरसात आते ही नदी में पानी का उफान बढ़ने लगा था,और एक किसान की जान इसी कारण से गयी.गम्हरिया पुलिस ने जब लाश को पोस्टमार्टम के लिए मधेपुरा अस्पताल लाया तो यहाँ प्रगतिशील जनाधिकार मंच,भाकपा और एनसीपी के सैकड़ों कार्यकर्ता ने लाश को अपने कब्जे में लेकर मस्जिद चौक के निकट मुख्यमार्ग पर यातायात को जाम कर दिया और जम कर प्रशासन विरोधी नारे लगाये.नेताओं ने मृतक के परिवार को पांच लाख मुआवजे देने की भी मांग की.
डूबने से मरा किसान:लोगों में आक्रोश व्याप्त
Reviewed by Rakesh Singh
on
July 26, 2010
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