मधेपुरा में एक और घोटाला: आरटीआई से हुआ खुलासा

|नि० प्र०|28 जनवरी 2014|
जिले में घोटालों की कड़ी में एक और नाम जुड़ता दिख रहा है- कृषि अनुदान घोटाला. राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2010-11 में पम्पसेट की खरीददारी पर कृषकों को दिए गए अनुदान में घोटाला प्रतीत होता है.
      सूचना के अधिकार के अंतर्गत जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराये गए दस्तावेजी आंकड़ों ने कृषि अनुदान घोटाले की पोल खोल दी है. मालूम हो कि उक्त योजनान्तर्गत वर्ष 2010-11 में मेसर्स माँ तारा डीजल्स, सहरसा के द्वारा एक से अधिक किसानों को एक ही निर्माता कंपनी स्वराज द्वारा निर्मित एक समान ईंजन नं. 106654 वाले पम्प सेट उपलब्ध कराये गए, और यह संभव नहीं है.
      उल्लेखनीय है कि किसी भी निर्माता कंपनी द्वारा निर्मित प्रत्येक पम्पसेट का ईंजन नंबर अलग-अलग होता है. ऐसी स्थिति में निर्माता कंपनी स्वराज द्वारा निर्मित एक ही मॉडल SHP के तीन पम्पसेटों का समान ईंजन नंबर 106654 नहीं हो सकता है.
      परन्तु सूचना के अधिकार के अधिनियम के तहत जिला कृषि पदाधिकारी के ज्ञापांक 630 दिनांक 31.08.2013 के द्वारा उपलब्ध कराये गए सूचनाओं में तीन किसानों को ईंजन नं. 106654 वाला पम्प सेट सम्बंधित आपूर्तिकर्ता द्वारा की गई है जिससे इस कृषि अनुदान घोटाला का खुलासा होता नजर आता है. फिलहाल मामला गहन जांच का विषय है.
मधेपुरा में एक और घोटाला: आरटीआई से हुआ खुलासा मधेपुरा में एक और घोटाला: आरटीआई से हुआ खुलासा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 28, 2014 Rating: 5

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