खुलेआम हो रहा है वन्य जीव अधिनियम का उल्लंघन

|सुमन कुमार|15 जनवरी 2014|
मधेपुरा जिले में वन्य जीव अधिनियम का धड़ल्ले से उल्लंघन का मामला आम है. जिला मुख्यालय में भी बहेलिये आपको जंगली पक्षी बेचते हुए मिल जायेंगे. जबकि भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसार ऐसे जीवों का न तो शिकार किया जा सकता है और न ही इसे मारा ही जा सकता है. यहाँ तक कि पक्षियों के मामले में चिड़ियाघर को भी मान्यता तब ही दी जा सकती है जब वह सरकार के द्वारा तय किये गए मानकों का पालन करें.
      मधेपुरा में कुछ खाने वाले पक्षियों को भी बहेलिये चोरी-चुपके मार कर बेचने आते हैं और इसे महंगे दामों में लोग खरीदते हैं. कई गाँवों में तो दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की भी बिक्री खुले आम होने की बात सामने आई है. जबकि इसे अपराध मानकर सरकार ने ऐसे मामले में दंड का भी प्रावधान किया है.
      ऐसे में यदि इनपर रोक न लगाई गई तो पशु-पक्षियों की कई प्रजातियां जल्द ही लुप्त हो जायेंगी.
खुलेआम हो रहा है वन्य जीव अधिनियम का उल्लंघन खुलेआम हो रहा है वन्य जीव अधिनियम का उल्लंघन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 15, 2014 Rating: 5

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