39 साल गुजर गए, शिक्षक की विधवा को नहीं मिला पेंशन

|राजीव रंजन|24 अक्टूबर 2013|
वर्ष 1974 में स्वर्गवासी हुए मधेपुरा जिले के एक शिक्षक की विधवा को 39 साल के बाद भी जिला के शिक्षा विभाग ने न तो पेंशन दिया और न ही अंतिम निकासी का लाभ. शिक्षा विभाग को शर्मशार कर देने वाली इस घटना में सबसे दुखद पहलू यह है कि वर्ष 1959 में आलमनगर प्रखंड के बालाटोल के मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए शिक्षक श्री कृष्ण मिश्र सेवा काल में ही 20 अक्टूबर 1974 को स्वर्गवासी हो गए. शिक्षक की विधवा लीला देवी ने तब से पेंशन आदि के लिए विभिन्न कार्यालयों का दरवाजा खटखटाया. पर विभाग की उदासीनता ने लीला देवी को दर-दर की ठोकरें खाने को विवश कर दिया. वर्ष 2006 में लीला देवी ने जिलाधिकारी के जनता दरबार में भी दो बार गुहार लगी, पर नतीजा शून्य निकला.
      इस पूरे एपिसोड का सबसे दुखद पहलू यह है कि लीला ने अपने अधिकार के लिए माननीय उच्च न्यायालय, पटना में CWJC 7353/2008 भी दायर किया जिसमें माननीय न्यायालय ने दिनांक 11.08.2013 को अपने आदेश ने आवेदिका के पक्ष में सूद के साथ बकाया भुगतान का निर्देश भी विभागों को दिया. पर विभाग ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद अडंगे लगाकर लीला देवी को मिलने वाली सुविधाओं से अबतक वंचित रखा है.
लीला देवी फिर से उच्च न्यायालय का रूख करने का मन बना रही थी, पर  नए जिलाधिकारी गोपाल मीणा से उनको उम्मीदें जगी तो आज जिलाधिकारी के जनता दरबार तक फ़रियाद लेकर पहुँच गई. अब देखना है 39 वर्षों के बाद लीला देवी को शिक्षक पति का पेंशन आदि मिल पाता है या नहीं और इनकी जर्जर माली हालत सुधर पाती है या नही ?
[Even after 39 years widow did not get pension of husband in Madhepura]
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