डौंडियाखेड़ा में खुदाई पर राजा राव रामबख्श के वंशज हैं मधेपुरा में खुश

|ब्रजेश सिंह|25 अक्टूबर 2013|
उज्जैन के वैशवारा स्टेट के डौंडियाखेड़ा में एक हजार टन सोने के लिए चल रही खुदाई में सोना मिले या नहीं, पर मधेपुरा के आलमनगर में वैशवारा टोला में राजा के वंशज काफी खुश हैं. वैशवारा स्टेट के महत्त्व पर चर्चा करते हुए गाँव के फुलेश्वर सिंह तथा बलभद्र सिंह ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि पृथ्वीचंद एवं त्रिलोकचंद की पच्चीसवीं पीढ़ी राजा राव रामबख्श सिंह को अंग्रेजों द्वारा फांसी देने के बाद ही अंग्रेजों की सेना से भयभीत होकर हमारे पूर्वज फांसी की ही रात को डौंडियाखेड़ा से भागकर निकल गए. रामबख्श सिंह के चाचा भीखो सिंह राव की चौथी पीढ़ी दलभजन सिंह राव अपने दो भतीजे के साथ स्थाई आश्रय की तलाश करते मधेपुरा के आलमनगर में लगभग ढाई सौ एकड़ जमीन खरीदकर अपनी विरासत कायम किया.
      कहा जाता है कि मध्यप्रदेश के रीवा स्टेट और यूपी के बिठुर स्टेट से वैवाहिक सम्बन्ध होने के कारण राजा राव रामबख्श सिंह के पास अकूत धन सम्पदा थी. 1857 के ग़दर में राजा राव रामबख्श सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत से जम कर लोहा लिया, पर अंग्रेजों के द्वारा इन्हें गिरफ्तार कर फांसी पर चढा दिया गया.
      वैशवारा टोला आलमनगर के पूर्व मुखिया दिलीप सिंह, मिथिलेश सिंह, नंदकिशोर सिंह, दिनेश सिंह, श्यामसुन्दर सिंह आदि ने कहा कि डौंडियाखेड़ा की खुदाई के दौरान मीडिया के माध्यम से अपने पूर्वजों के स्थान को देखने का मौका मिला जिससे वे बहुत खुश हैं और छठ के बाद वे अपने परिजनों से मिलने डौंडियाखेड़ा जायेंगे. 
[Daundiya Kheda effect in Madhepura]
डौंडियाखेड़ा में खुदाई पर राजा राव रामबख्श के वंशज हैं मधेपुरा में खुश डौंडियाखेड़ा में खुदाई पर राजा राव रामबख्श के वंशज हैं मधेपुरा में खुश Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 25, 2013 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.