पढ़ाना पड़ा महंगा: बच्ची को चाकू गर्म कर जलाती थी पड़ोसन

 |पूर्णियां से दिलीप राज|
पूर्णिया डगरुआ की  शकीना को अपनी  बेटी को  शिक्षित करने का सपना महंगा पड़ा। जिनके  साथ बेटी को पढने के लिए भेज था उन्होंने इस मासूम को  बंधुआ मजदूर ही नहीं बनाया बल्कि प्रतारित भी किया. 
           पूर्णिया डगरुआ की रहनेवाली शकीना मेहनत मजदूरी कर के गुजर बसर करती थी और अपनी बेटी रूहाना को पढ़ाना लिखाना भी चाहती थी. ये चाहती थी कि इसकी बेटी पढ़ लिख कर इस समाज के लिए कुछ करे और इस इलाके के लिए मिसाल कायम करे. इसके लिए बेटी को स्कूल भी भेजती थी. इसके सपने का पडोसी मो. आजम और बीबी शगुफ्ता ने फायदा उठाया और झूठी तसल्ली दी कि  तुम्हारी बेटी को पढ़ा लिखा कर शादी ब्याह भी करवाउंगी, मेरे साथ दिल्ली भेज दो. भोली भाली शकीना बीबी शगुफ्ता की बातो में आ गयी और उसने अपनी बेटी को शगुफ्ता  के साथ भेज दिया. शगुफ्ता, शकीना की बेटी रूहाना को दिल्ली लेकर चली गयी और उसे घर में काम करवाती थी थोड़ी सी गलती पर उस छोटी सी बच्ची को मारती तो थी ही साथ ही चाकू गर्म करके जला भी देती थी. जब रूहाना की तबियत ज्यादा ख़राब हो गयी तो उसे दूसरे  के साथ उसे  घर भिजवा दिया. शकीना अब न्याय के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटा रही है. 
        जब रुहाना की माँ शकीना अपनी बेटी पर हुए जुल्म की दास्ताँ लेकर थाने  गयी तो पहले तो दिल्ली का मामला बताकर पुलिस ने ऍफ़.आई.आर दर्ज करने से मना कर दिया, लेकिन जब पुलिस पर दबाव बढ़ा तो पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया लेकिन अब तब किसी की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है. पूर्णिया एस पी किम का कहना है कि सभी आरोपी फरार हैं जिनकी गिरफ़्तारी जल्द ही कर ली जायेगी.
       बेटी को शिक्षित करने की चाहत शकीना को इतनी महंगी पड़ी जिसकी कीमत चुकाने में शायद इसकी पूरी उम्र भी कम पर जाये. इधर रूहाना ने भी अपनी छोटी उम्र में इतना दर्द झेला है, जिससे उबरने में काफी वक्त लग जायेगा. इन दोनों माँ बेटी का दर्द तभी कम होगा जब इनके गुनाहगार सलाखों के पीछे होंगे.
पढ़ाना पड़ा महंगा: बच्ची को चाकू गर्म कर जलाती थी पड़ोसन पढ़ाना पड़ा महंगा: बच्ची को चाकू गर्म कर जलाती थी पड़ोसन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 28, 2013 Rating: 5

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