दुष्कर्मी पिता को मधेपुरा के न्यायालय ने दी दस वर्ष की सजा

|वि० सं०|28 मई 2013|
मधेपुरा के एक न्यायालय ने आज अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार करने वाले पिता को दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुना दी. साथ ही सुपौल जिला के पिपरा थाना के गेल्हिया गाँव के इस कुकर्मी पिता सीताराम राम को न्यायालय ने 2 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है.
क्या था मामला: इलाके को शर्मशार कर देने वाली यह घटना 16 अक्टूबर 2012 को घटी थी जब 55 वर्षीय पिता अपनी 19 वर्षीय बेटी बबीता (काल्पनिक नाम) को गेल्हिया से यह कहकर मधेपुरा लाया कि मदनपुर वाली भौजाई से रूपये लेकर दे दूंगा और मैं पंजाब चला जाऊँगा. मधेपुरा में पिता ने बबीता को 1290 रू० में एक रेडीमेड दूकान से अम्ब्रेला कट सलवार-कमीज खरीद कर दिया फिर बस स्टैंड में कोल्डड्रिंक पिलाकर जल्दी पहुँचने के बहाने रेलवे लाइन के रास्ते ले जाने लगा. भर्राही ओपी के गोढ़ीयारी गाँव के पास पिता ने बबीता के साथ जबरन दुष्कर्म किया और फिर आगे ले जाकर उसकी गर्दन मरोड़ने लगा. बबीता के चिल्लाने पर सीताराम राम अपना खुला पैजामा वहीं छोड़कर भागा पर ग्रामीणों ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया. बबीता के बयान पर मामला मधेपुरा (भर्राही) थाना कांड संख्यां 493/12 के रूप में दर्ज हुआ.
      मधेपुरा के एसपी ने मामले को संगीन सामजिक अपराध मानते हुए चौबीस घंटे के अंदर आरोप पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया. पीड़िता ने उस समय न्यायालय में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत अपने बयान में घटना का पूर्ण समर्थन किया तथा मेडिकल रिपोर्ट में भी बलात्कार की पुष्टि हुई थी.
ट्राइल में पलट गई पीड़िता: मामले का ट्राइल जब मधेपुरा के तदर्थ न्यायाधीश श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव के कोर्ट में शुरू हुआ तो बबीता ने कहा कि पिता ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया है. मधेपुरा बस स्टैंड पर दो अनजान व्यक्ति ने उन्हें कोल्डड्रिंक पिलाया और साथ चलने लगे. उन्ही दोनों ने पिता को थ्रीनट सटा कर उसके साथ दुष्कर्म किया. फिर उन्ही दुष्कर्मियों ने पुलिस को बुलाया और मामला दर्ज करा कर उससे जबरन हस्ताक्षर करा लिया.
दवाब में आ गई पीड़िता: कांड में सभी 6 गवाहों की गवाही, आरोपी के द्वारा कोई सबूत न पेश किये जाने, घटना स्थल पर आरोपी के कपड़े बरामद होने, ग्रामीणों द्वारा घटना की पुष्टि किये जाने, पीड़िता का 164 के तहत पूर्व में न्यायालय में बयान आदि के आधार पर विद्वान न्यायाधीश ने माना कि पीड़िता किसी दवाब में आ गई थी और पिता ने ही दुष्कर्म को अंजाम दिया था.
      करीब सात महीने में न्यायालय द्वारा ऐसे घृणित सामजिक अपराध में सजा सुना देना मधेपुरा पुलिस की झोली में एक और सफलता की तरह है.

सजा पर क्या कहा एसपी ने: मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने सजा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इसे जघन्यतम सामाजिक अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है. पिता बच्चों के रक्षक के रूप में माने जाते हैं और जब अभिभावक ही भक्षक हो जाएँ तो संबंधों पर से विश्वास टूटता है. एक तो बलात्कार ही जघन्य अपराध है और यदि घर के लोग ही ऐसा कुकृत्य कर दें तो इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता. इस सजा से ऐसे लोगों के मन में डर पैदा होगा जो ऐसे अपराध के बारे में सोचते हैं.
दुष्कर्मी पिता को मधेपुरा के न्यायालय ने दी दस वर्ष की सजा दुष्कर्मी पिता को मधेपुरा के न्यायालय ने दी दस वर्ष की सजा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 28, 2013 Rating: 5

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