नि० सं०/13/10/2012
महिला कॉलेज के एक लेक्चरर द्वारा दूसरी शादी रचाना
और फिर पहली पत्नी को बेटी समेत छोड़ देने के मामले में भले ही न्यायालय ने सुलह
कराने के प्रयास किये हों, पर जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों में न्यायालय
भले ही अपना फैसला सुना दे पर मन का मैल निकालना किसी के बूते के बात नहीं.
उधर
इसी बीच लेक्चरर की माँ उर्मिला देवी ने अपने बेटे का समर्थन करते हुए अपनी पहली
बहू पर न्यायालय में एक मुकदमा ठोंक दिया है. लेक्चरर सुनील कुमार सुमन की माँ ने
बहू मीना सिन्हा के खिलाफ ठोके मुक़दमे में कहा है कि गत 30 सितम्बर की रात में
मीना देवी उसकी बेटी कोमल और मीना का भाई संजय कुमार ने उसे बाल पकड़ कर मारा पीटा और डायन होने का आरोप लगा दिया. वह डर से रात में पड़ोस में सोने चली गयी. सुबह में
देखा गया कि मीना का भाई एक बैग लेकर जा रहा है. उर्मिला देवी जब घर गयी तो बक्सा
का ताला टूटा हुआ था और उसमे से ग्यारह हजार रूपये गायब थे जिसे मीना देवी ने अपने
भाई के मार्फ़त भेज दिया था. मुक़दमे में यह भी कहा गया है कि मीना सिन्हा ने ही अपने पति को दूसरी शादी के लिए उत्प्रेरित किया.
मामला
परिवाद पत्र संख्यां 157/2012 के रूप में न्यायालय में है और सच सामने आना बाक़ी है
पर इस बात का पूरा अंदाजा है कि यह मुकदमा दुर्भावना से प्रेरित हो सकता है जिसमे
एक माँ ने वैसे बेटे का पक्ष लिया है जिसने दूसरी शादी कर पहली पत्नी को प्रताड़ित
किया है. न्यायालय ने भले ही लेक्चरर को पहली पत्नी को 5 हजार रूपये प्रतिमाह
दिलाकर राहत दिलाया हो पर माँ-बेटे के द्वारा पीड़िता और उसकी बेटी को कितनी मानसिक
राहत मिलती है ये तो वक्त ही बताएगा.
लेक्चरर की पहली पत्नी पर सास ने किया डायन कह पीटने का मुकदमा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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October 13, 2012
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October 13, 2012
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