पीडितों को डांट कर भगा देते हैं सिंघेश्वर थानाध्यक्ष

वि० सं०/03 अगस्त 2012
कहते हैं जहाँ धर्म अधिक है वहाँ पाप भी रहता है.सिंघेश्वर मंदिर जिले का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है,पर यहाँ की व्यवस्था पर यदि गौर करें तो आपको कुप्रबंधन तुरंत ही नजर आ जायेगा.यही नहीं मंदिर के बाहर से पहले तो चप्पल और जूतों की चोरियां हुई करती थी,पर अब मंदिर के बाहर का इलाका मोटरसाइकिल चोरी के लिए जाना जाता है.
    यहाँ बाहर से मोटरसायकिल चोरी हो जाने पर दर्द दूना हो जाता है.एक तो मोटरसाइकिल जाने का गम ऊपर से यदि आप शिकायत लिखाने सिंघेश्वर थाना जाते हैं तो बड़ा बाबू की फटकार और दुत्कार का गम.गत 30 अगस्त को मधेपुरा के सुनील कुमार सिंघेश्वर मंदिर के बाहर सत्तू गली में शालीमार ट्रेलर्स के नीचे अपनी हीरो होंडा मोटरसाइकिल BR 43A 5180 लगाकर सावन में बाबा की पूजा करने गए थे.वापस आए तो पाया कि उनकी मोटरसायकिल चोरी हो चुकी थी.हताश सुनील जब शिकायत करने सिंघेश्वर थानाध्यक्ष आर.एन.तिवारी के पास पहुंचे तो थानाध्यक्ष ने उन्हें डांट कर भगा दिया.कहा कहीं भी मोटरसाइकिल लगा देते हो तो क्या हम तुम्हारा ठीका लिए हुए हैं ?
    सुनील ने दुबारा उनके पास जाकर रिपोर्ट भर दर्ज कर लेने की आरजू-मिन्नत की,पर नहीं माने तिवारी जी.अंत में सुनील एक अधिवक्ता को लेकर रिपोर्ट लिखाने गए.अधिवक्ता के बहुत कहने पर एफआईआर तो दर्ज कर लिया गया,पर साथ में ये भी कह दिया गया कि हम केस को फॉल्स कर देंगे.
      सूत्रों की मानें तो सिंघेश्वर स्टैंड में जो अधिक वसूली की जाती है उसमें से एक हिस्सा थाना भी पहुंचाया जाता है.कुछ तो दबी जुबान से ये भी कहते हैं कि बाहर से मोटरसाइकिल चोरी करवाने में स्टैंड वालों की भी मिलीभगत होती है.ऐसे में सिंघेश्वर में कहीं और से मोटरसाइकिल चोरी होने से थानाध्यक्ष का गुस्सा होना समझ से परे नहीं है,पर रिपोर्ट दर्ज नहीं करने की मंशा ये दर्शाती है कि क्षेत्र में अपराध कितना भी हो,आंकड़े में कम होना चाहिए, ताकि क्राइम मीटिंग में कम सुनने को मिले.
पीडितों को डांट कर भगा देते हैं सिंघेश्वर थानाध्यक्ष पीडितों को डांट कर भगा देते हैं सिंघेश्वर थानाध्यक्ष Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 03, 2012 Rating: 5

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