"जिस दिन पूजा मरेगी न, उस दिन गाड़ी और कैमरा लेकर दौड़ियेगा.."

राकेश सिंह/07 जून 2012
मधेपुरा के डीएम के जनता दरबार में जिले के पुरैनी की मुरसंडी की एक लड़की अपनी समस्याओं को न सुलझता देख अत्यंत ही भावुक हो गयी.बताते हैं कि पूजा अपने पिता की एकमात्र संतान है.माँ को हृदयरोग हुआ तो बीमार ही चलने लगी.वर्ष 2006 तक बीपीएल में नाम था तो थोड़ी सुविधा मिल रही थी और परिवार का जीवन पटरी पर दौड़ रहा था.पर 2008 के बाढ़ ने एक तो बड़ी बर्बादी दी, ऊपर से परिवार का नाम भी एपीएल में दर्ज हो गया.अब सरकारी सुविधा गयी तो माँ की बीमारी भी परिवार को तोड़ने लगी.घर की मरम्मत करना बूते से बाहर की चीज हो गयी.मदद की आश में जिलाधिकारी की जनता दरबार में पहुंची पूजा ने अपने हालात को आवेदन देकर बताया.पर नियम मदद के आड़े आया.अब आर्थिक जनगणना के बाद ही पूजा का नाम बीपीएल में आ सकता है और फिर उसे इंदिरा आवास जैसी योजनाओं का लाभ मिल सकता है.जिलाधिकारी उपेन्द्र कुमार ने पूजा को नियम समझाया.पर नाउम्मीदी से भावुक हो चली पूजा ने कहा कि हमारा घर गिरने वाला है.जिस दिन हम मरेंगे न, उस दिन गाड़ी और कैमरा लेकर दौड़ियेगा कि मुरसंडी की एक लड़की मर गयी.
   दरअसल जिले के लोगों में बीच समस्याओं का कोई अंत होता नजर नहीं आ रहा है.सरकारी नियम और प्रक्रियाएं कभी-कभी वास्तविक पीड़ितों की मदद के आड़े आ जाती है और समस्या धरी की धरी रह जाती है.
"जिस दिन पूजा मरेगी न, उस दिन गाड़ी और कैमरा लेकर दौड़ियेगा.." "जिस दिन पूजा मरेगी न, उस दिन गाड़ी और कैमरा लेकर दौड़ियेगा.." Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 07, 2012 Rating: 5

1 comment:

  1. lanat hai is desh par jahan log BPL card ke sahare jeete hain.. kyunki kuch karne ke liye hai nahi.

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