सन्नी की आत्महत्या सिर्फ एक प्रतिभा की मौत नही है

राकेश सिंह/ ३० जनवरी २०११
खबर  आई कि  २७ जनवरी को रैगिंग से तंग आकर पटना मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे प्रथम वर्ष के छात्र सन्नी कुमार रौशन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.कहा जाता है कि रैगिंग से आजिज सन्नी ने अपने परिजनों से पढ़ाई छोड़ देने तक की बात कही थी,पर पिता ने समझाया था कि बेटा,जैसे तैसे तुम एक साल बिता लो,फिर खुद सीनियर बन जाओगे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा.
          और फिर जो कुछ हुआ वो पटना मेडिकल कॉलेज को एक बार फिर
कलंकित कर गया.दरअसल पटना मेडिकल कॉलेज की आंतरिक स्थिति बहुत ही घटिया है.संस्कारहीन छात्रों के साथ संस्कारहीन अध्यापकों की भी भरमार है यहाँ.
जातिवाद भी यहाँ चरम पर है.यह मुझे तब  पता चला  जब मेरी बात  पटना मेडिकल कॉलेज में पढ़ रही तृतीय वर्ष की छात्रा प्रीति से मधेपुरा टाइम्स से सम्बंधित एक मुलाक़ात के दौरान हुई.(पढ़ें:प्रीति: मेडिकल की पढ़ाई में कई स्वर्ण पदक प्राप्त ).ये जानकार मुझे गहरा सदमा पहुंचा कि इस अतिप्रतिष्ठित संस्थान में बैकवर्ड-फॉरवर्ड की गंदी राजनीति चरम पर है.छात्रों के इंटरव्यू के अंक देखकर ये समझना आसान हो जाता है कि अध्यापकों ने जाति के आधार पर क्या गुल खिलाएं हैं.
इन घटिया अध्यापकों की शह पाकर सीनियर्स, जूनियर्स के साथ हद से ज्यादा बदतमीजी करते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है.दरअसल ये बदतमीजी अपने बदतमीज अध्यापक से ही सीखते हैं.
      सन्नी आत्महत्या कांड की समुचित जांच होनी चाहिए, जैसा कि मुख्यमंत्री घोषणा भी कर चुके हैं.जाहिर सी बात है कॉलेज प्रशासन अपने को बचाने के लिए जांच को किसी भी तरह से प्रभावित करने का प्रयास करेगा ही.इस कांड से जुड़े दोषी छात्रों के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से शामिल पटना मेडिकल कॉलेज के अध्यापकों को भी षड्यंत्र का हिस्सा बनाकर दण्डित किया जाना चाहिए ताकि बिहार की सुधरती छवि को इन नालायक शिक्षकों व छात्रों की वजह से और धक्का न लगे.
सन्नी की आत्महत्या सिर्फ एक प्रतिभा की मौत नही है सन्नी की आत्महत्या सिर्फ एक प्रतिभा की मौत नही है Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 30, 2011 Rating: 5

2 comments:

  1. It's good to feedback on casteism which is faced by medical student's of Patna Medical College,And obviously its painful for our parents and society. But we never forget about our comments as all we know due to a small group of people create some nuisance for our society and we should not blame on whole group of Faculty and Student of Patna Medial college.It's humble request to all member of MADHEPURA TIMES that let us know about news and let us decide to what we think......it's a SOCIAL WEBSITE.

    Regard's
    Manish Singh
    PGDM(HR)
    IMT

    ReplyDelete
  2. प्रिय मनीष जी,
    यह बात पूरी तरह सच है कि किसी संस्थान के सारे छात्र और शिक्षक बुरे नही हो सकते हैं.बात तब तक दबी रह सकती है जब तक कि कोई हादसा न हो जाय.पर एक बात और भी सच है कि यदि एक की भी हरकत किसी हादसे को जन्म देती है तो बदनाम पूरी संस्था हो जाती है.निश्चित रूप से पटना मेडिकल कॉलेज में भी कुछ ही छात्र और शिक्षक जातिवाद की राजनीति में विश्वास रखते हैं,वैसे यहाँ प्रतिभाओं की भरमार है ये बात जग जाहिर है.
    मधेपुरा टाइम्स पर टिप्पणी लिखने के लिए धन्यवाद.
    सादर
    मधेपुरा टाइम्स टीम.

    ReplyDelete

Powered by Blogger.