राष्ट्र निर्माता की करतूत : शिक्षा के जगह देते हैं खिचड़ी बनाने की ट्रेनिंग

रूद्र नारायण यादव/२५ जनवरी २०११
कहते हैं शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं.पर मधेपुरा प्रखंड के जीवछपुर के देवी साह मिड्ल स्कूल के शिक्षकों पर तो ये बात बिलकुल लागू नही है.यहाँ के शिक्षक बच्चों को शिक्षा देने की बजाय उनसे खाना बनवाते हैं.और खाना भी एक दो आदमी का नहीं,सैकड़ों का खाना यहाँ के बच्चों को बनाना पड़ता है.सरकार ने गरीब बच्चों को स्कूल की तरफ आकर्षित करने के लिए
स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था की है जिसके तहत स्कूलों में बच्चों को खिचड़ी खिलाया जाता है.मालूम हो कि खिचडी बनाने के लिए अलग से रसोईया रखने की व्यवस्था का फरमान सरकार द्वारा जारी किया गया है जिसे अलग से निर्धारित दर पर मेहनताना दिया जाता है.पर करने लगे शिक्षक यहीं से अनियमितता और बचाने लगे मध्यान्ह भोजन में पैसे.बहुत सारे स्कूलों में
छात्रों की उपस्थिति ज्यादा दिखा कर पैसे मारे जाते हैं.पर जीवछपुर के देवी साह मिड्ल स्कूल के शिक्षकों की स्थिति तो बहुत ही घटिया दीख  पड़ती है.मासूम बचपन यहाँ कुम्हला रहा है और इनके भविष्य को चूल्हे में झोंका जा रहा है.जिला शिक्षा अधीक्षक एस एन यादव को जब इस बच्चों से खाना बनवाने की सूचना दी गयी तो उन्होंने दोषी शिक्षकों को दण्डित करने का आश्वासन तो दे दिया पर इन पर कब तक कार्यवाही हो पाती है देखना बाक़ी है.
राष्ट्र निर्माता की करतूत : शिक्षा के जगह देते हैं खिचड़ी बनाने की ट्रेनिंग राष्ट्र निर्माता की करतूत : शिक्षा के जगह देते हैं खिचड़ी बनाने की ट्रेनिंग Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 25, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. शिक्षा की खिचरी या खिचरी की शिक्षा,कौन बताएगा?

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