NSUI प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि संगठन ने मुझपे जो भरोसा जताया है इसके लिए मैं शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं । उन्होंने आगे कहा कि बीते 10 वर्ष छात्र, छात्राओं और युवाओं के हक, अधिकार, सम्मान और उनके भविष्य के लिए बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा । प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा जब से केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार आई है । छात्र, छात्राओं के हक, अधिकार, सम्मान और उनके भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है । सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति 2020 लाकर शिक्षा का बाजारीकरण कर शिक्षा को महंगा कर गरीब, वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का षडयंत्र किया गया । सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया गया है । उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थिति बहुत ही दयनीय है । तमाम विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों का भारी अभाव है । बहालियां पेंडिंग है । छात्र अपने डिग्री को लेकर भटक रहे है ।
उन्होंने कहा प्रति वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई मोदी सरकार से छात्र जब नौकरी मांगते है तो उन्हें लाठी, जेल और दमन किया जाता है । स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए पढ़ाई पूरी करने के लिए बिहार सरकार लोन तो देती है लेकिन पढ़ाई पूरी होने पर नौकरी या रोजगार का अवसर नहीं देती । उसके बाद सरकार छात्रों पर शिक्षा लोन वापसी को लेकर दवाब बनाती है । उनपर मुकदमे दर्ज करने की धमकी दी जाती है और अब तक हजारों छात्रों पर सर्टिफिकेट केस दर्ज भी किया गया है ।
प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि सरकार पहले छात्रों को बेरोजगार बनाया और अब कर्जदार बनाकर उनपर मुकदमे दर्ज कर अपराधी बना रही है । यह समय छात्रों के लिए सरकार से अपने हक, अधिकार, सम्मान और भविष्य के लिए संघर्ष का समय है । आज छात्रों के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं है । उन्होंने कहा कि ऐसे समय में मुझे सीमांचल के 4 जिलों का प्रभारी बनाया गया है । बिहार के कोशी और सीमांचल क्षेत्र में सबसे अधिक गरीबी और बेरोजगारी है । महंगी शिक्षा और बेरोजगारी ने यहां के आबादी के लिए मुश्किल खड़ा कर दिया है । उन्होंने कहा कि मैं तमाम जगहों। पर छात्रों से संवाद कर उन्हें गोलबंद करूंगा और छात्र और युवाओं के भविष्य को कुचलने वाली सरकार के खिलाफ चरणबद्घ आंदोलन चलाऊंगा ।

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