इस अवसर पर विचार मंच के सदस्य सह अधिवक्ता राहुल कुमार यादव एवं समाजसेवी ध्यानी यादव एवं विद्याधर मुखिया ने कहा कि सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे। इन्हें गुरिल्ला युद्ध का महारथ हासिल था 80 वर्ष की अवस्था में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर देने वाला यह अद्वितीय योद्धा थे. अन्याय विरोधी व स्वतंत्रता प्रेमी बाबू कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे। इनको 80 वर्ष की उम्र में भी लड़ने तथा विजय हासिल करने के लिए जाना जाता है।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.आलोक कुमार, समाजसेवी दिलीप पटेल एवं छात्र नेता जितेंद्र कुमार, सोनू कुमार ने कहा की बाबू वीर कुंवर सिंह कुशल सेना नायक थे तथा उनके माता-पिता पंचरतन कुँवर और साहबज़ादा सिंह थे। कुँवर सिंह अपने पिता की तरह ही वीर, स्वाभिमानी और उदार थे। इनके सेना में सभी धर्मों और जातियों के लोग उच्च पदों पर थे, इन्होंने मंदिर ओर मस्जिद दोनों बनवाए, कुँवर सिंह कुशल योद्धा के साथ साथ सामाजिक कार्य भी करते थे। कुँवर सिंह ने अपने समय में निर्धनों की सहायता की, कुएं खुदवाये, तालाब बनवाये।
इस अवसर पर वीरेंद्र नारायण सिंह, आशीर्वाद,राहुल कुमार,जितेन्द्र कुमार,सोनू कुमार ,नवीन कुमार ,कुन्दन कुमार,रणधीर कुमार, मनीष कुमार,अमरजीत कुमार, लालबहादुर कुमार, गणेश राम, नाथन ऋषिदेव सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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