सक्सेस स्टोरी: व्यवसायी पुत्र सुमित ने यूपीएससी में लहराया सफलता का परचम, हासिल किया 200 वां स्थान

प्रारंभिक शिक्षा गावं में, स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल असम के ग्वालपाड़ा में और फिर  एनयूजेएस, कोलकाता से बीए -एलएलबी की पढ़ाई और अब संघ लोकसेवा आयोग में 200 वां स्थान हासिल कर पूर्णियां जिले के भवानीपुर नगर पंचायत निवासी सुमित कुमार गुप्ता ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। रेडीमेड कपड़ा व्यवसायी प्रमोद गुप्ता के पुत्र सुमित बचपन से ही सीमित संसाधनों के बीच संघर्ष करते रहे और तमाम तरह के अभाव के बीच उनकी प्रतिभा कुंद नही हुई बल्कि अग्निपरीक्षा में कुंदन बन कर उभरते रहे। सुमित ने यह सफलता तीसरे प्रयास में हासिल किया है। सुमित की इस सफलता पर पूरे गांव में लोगों में हर्ष व्याप्त है।

सैनिक स्कूल परीक्षा में हासिल किया सफलता

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सुमित के पिता कपड़ा के छोटे कारोबारी हैं। लेकिन, सुमित की माँ रोमा देवी ने बेटे को हमेशा बड़े सपने दिखाए।चूंकि, सुमित बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि का था, इसलिए माता-पिता ने उसकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कोर-कसर नही छोड़ी।माता-पिता के विश्वास को सच साबित करते हुए सबसे पहले सुमित ने सैनिक स्कूल में प्रवेश पाया। वहां भी सुमित अपने कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते रहे। 12 वीं की पढ़ाई के बाद सुमित ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बजाय लॉ को अपना कैरियर बनाने का निर्णय लिया।हालांकि यह निर्णय परिवार के सदस्यों के लिए अप्रत्याशित था ,लेकिन माता-पिता को अपने बेटे पर भरोसा था तो उन्होंने हामी भर दी।

क्लेट की परीक्षा में पाया देश मे चौथा स्थान

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 सुमित ने 12 वीं के बाद एलएलबी में नामांकन के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लेट) की परीक्षा दिया और सफलता हासिल किया। सुमित को  एन एल यू जोधपुर में नामांकन का अवसर मिला,लेकिन उन्होंने नामांकन नही कराया। उसके बाद उन्होंने दुबारा क्लेट की परीक्षा दिया तो उन्होंने देश मे चौथा स्थान हासिल किया और इस आधार पर उनका नामांकन कोलकाता में हुआ।

रास नही आई लॉ फार्म की नौकरी

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एलएलबी के बाद सुमित को दिल्ली के एक लॉ फार्म में 18 लाख रु सालाना सैलरी की नौकरी मिल गई। यहां लगभग 06 माह की नौकरी के बाद सुमित को लगा कि उसे प्रशासनिक सेवा की तैयारी करनी चाहिए। उसके बाद वर्ष 2022 में सुमित ने नौकरी छोड़ कर सिविल सेवा की तैयारी आरम्भ कर दिया। प्रथम दो प्रयासों में उन्हें असफलता मिली लेकिन अंततः तीसरे प्रयास में उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया। उम्मीद जताई जा रही है कि सुमित को भारतीय प्रशासनिक सेवा संव्र्ग मिल जाएगा।

माता-पिता ने हमेशा बढ़ाया हौसला

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एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार के लिए नौकरी छोड़ना आसान नही होता है। उस दौरान सुमित को भी निर्णय लेने में दुविधा का सामना करना पड़ा। लेकिन, माता-पिता ने सुमित की हौसला अफ़जाई किया और सुमित के निर्णय पर मुहर लगाई। पिता प्रमोद गुप्ता कहते हैं कि ' सुमित ने कभी हमे निराश नही किया और हम सब उसके सभी निर्णय में मजबूती में साथ खड़े रहे'। बेटे की सफलता से आह्लादित माँ रोमा देवी कहती हैं कि ' यह हमारे लिए और पूरे गांव के लिए गौरव की बात है। निश्चित रूप से सुमित से अन्य बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी कि सीमित सुविधाओं के बीच भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है'।




पंकज भारतीय/ पूर्णियां

सक्सेस स्टोरी: व्यवसायी पुत्र सुमित ने यूपीएससी में लहराया सफलता का परचम, हासिल किया 200 वां स्थान सक्सेस स्टोरी: व्यवसायी पुत्र सुमित ने यूपीएससी में लहराया सफलता का परचम, हासिल किया 200 वां स्थान Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 24, 2025 Rating: 5

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