गुरुवार को डिग्रीधारी रंगकर्मियों ने नाट्य शिक्षक की बहाली की मांग को लेकर बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री सह सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर को जिला अतिथि गृह में मिलकर तथा बिहार विधान परिषद सदस्य डा. अजय कुमार सिंह एवं डुमराव विधायक अजीत कुशवाहा को विभिन्न माध्यमों से मांगपत्र सौंपकर अपनी मांग से अवगत कराया है.
डिग्रीधारी रंगकर्मी सुनीत साना, अमित आनंद, मो. शहंशाह, अमित अंशु, विद्याशु कुमार, सुप्रित कुमार, श्याम किशोर कामत, अखिलेश मल्होत्रा समेत अन्य रंगकर्मियों ने विपक्ष को अपनी मांगपत्र सौंप कर उनकी मांग सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगाई है. रंगकर्मियों ने बताया कि 28 फरवरी से विधानसभा बजट पर सत्र शुरू होने वाला है. उससे पहले मधेपुरा समेत कोसी के रंगकर्मियों ने विपक्ष के विधायक एवं विधान परिषद को मांग पत्र सौंपकर विधानसभा में बिहार के विद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली को लेकर आवाज उठाने करने की गुहार लगाई है.
डिग्रीधारी रंगकर्मियों ने बताया कि सत्ताधारी मंत्री, सांसद व विधायक को आवेदन देकर थक गये, लेकिन उनकी मांगों पर किसी ने कोई पहल नहीं किया. सबों ने सिर्फ आश्वासन ही दिया. उन्होंने बताया कि बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है, तो रंगकर्मियों ने विपक्ष का सहारा लिया है. रंगकर्मियों ने बताया कि डिग्रीधारी रंगकर्मी को जब भी मौका मिला सत्ता पक्ष के मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि से मिलकर बिहार के विद्यालयों में नाट्य शिक्षक की बहाली को लेकर मांग की, लेकिन उन्हें हर जगह से आश्वासन के सिवा कुछ भी नहीं मिला.
उन्होंने बताया कि बिहार में हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं नाट्य एवं रंगमंच की पढ़ाई की है और स्नातक तथा स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की है. एनसीएफ- 2005 में लोक कलाओं एवं ललित कलाओं के अंतर्गत नाट्य विषय स्वीकृत है तथा एनसीएफ 2009 तथा नई शिक्षा नीति में प्रत्येक शिक्षण संस्थान में नाटक के माध्यम से पढ़ाई पर जोड़ दिया गया है. बिहार के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा से नाट्यशास्त्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती और हर वर्ष दो दर्जन से अधिक की संख्या में रंगकर्मी डिग्री लेकर बेरोजगारी की जिंदगी जीने को बेबस हैं. जिस प्रकार ललित कला के अंतर्गत आने वाली हर कलाएं जैसे संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला आदि के अभ्यर्थियों को शिक्षक के रूप में बहाल किया जा रहा है, ठीक उसी प्रकार नाट्य एवं रंगमंच विषय को एसटीईटी में शामिल कर रंगकर्मियों को परीक्षा में बैठने का मौका देकर नाट्यशास्त्र में डिग्रीधारी छात्र-छात्राओं को शिक्षक के रूप में बहाली करने के लिए आवाज बुलंद करें.

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