बीपीएससी अभ्यर्थियों पर सरकार के दमनकारी नीति के खिलाफ 3 दिसंबर को संयुक्त संघर्ष फ्रंट निकालेगा विशाल आक्रोश मार्च
बैठक में छात्रनेताओं ने एक स्वर में कहा कि आज जिस प्रकार से छात्र आंदोलन पर सरकार दमन और बर्बरता पूर्ण कार्रवाई कर रही है, इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । आज बिहार की सरकार ठेकेदार, शिक्षा माफिया और दलालों के हाथ में है । प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लिख होना आम घटना बन गई है। उन्होंने कहा कि आज बिहार के लाखों छात्रों और युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है । एक तरफ जहां छात्रों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ करती है वहीं जब छात्र अपने भविष्य से जुड़े सवाल सरकार के सामने रखने आते है तो छात्रों पर दमनात्मक कार्यवाही कर उनके आवाज को कुचला जा रहा है । सरकार को समझना चाहिए कि आंदोलन छात्रों का लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार है । शांतिपूर्ण धरना पर पैठे छात्रों के साथ सरकार द्वारा की जा रही ज्यादती पूरी दुनिया देख रही है । बिहार की सरकार क्रूर और तानाशाह जैसा बर्ताव कर रही है। सरकार के दमन के सामने छात्र आंदोलन नहीं झुकेगा। अब हर जिले में छात्र सड़कों पर उतरेंगे। आगामी 3 जनवरी को मधेपुरा में संयुक्त संघर्ष फ्रंट द्वारा विशाल आक्रोश मार्च निकालकर सरकार के दमनकारी और तानाशाही नीति के खिलाफ विरोध दर्ज किया जाएगा। जब तक बीपीएससी अभ्यर्थियों के मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो मधेपुरा बंद और अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी शुरू किया जाएगा।
बैठक में मुख्य रूप से संयुक्त संघर्ष फ्रंट के निशांत यादव, रोशन कुमार बिट्टू, वसीमुद्दीन उर्फ नन्हे, अजय राज उर्फ किशोर कुमार, कृष्णा कुमार, पॉवेल कुमार, रौशन कुमार, राहुल पासवान, शुभम स्टालिन,विनीत कुमार, पिंटू यादव, ऋतु रंजन, अटल कुमार, नीतीश कुमार, सचिन कुमार, सोनू कुमार, गुलशन कुमार, सचेंद्र कुमार समेत दर्जनों छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
(नि. सं.)
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