करोड़ों की लागत से इमरजेंसी व ओपीडी भवन का निर्माण हुआ, लेकिन भर्ती मरीज को अभी भी पुराने भवन में ही रहना होगा जिसके कारण चिकित्सक से लेकर कर्मी तक को कई परेशानी हो रही है. चिकित्सक को ओपीडी इमरजेंसी के साथ वार्ड में भर्ती मरीज को प्रखंड के पुराने जर्जर भवन में रखने के लिए मजबूर हैं। उद्घाटन के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि सामुदायिक अस्पताल का इमरजेंसी भी शुरू हो जाएगा लेकिन उद्घाटन के दो माह बीत जाने के बाद भी लोगों को यह नसीब नहीं हुआ है. मरीज अभी भी इधर से उधर भटकने को मजबूर हो रहे हैं, साथ ही मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई तरह की सुविधाऐ होती हैं. बता दें कि 17 जून 22 से 7 करोड़ की लागत से बने 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण के बाद प्रखंड क्षेत्र के लोगों को कई तरह की आधुनिक सुविधा मिलने की बात कही गई थी।
नई व्यवस्था में ये सुविधाएं मिलेगी:
ओपीडी, इमरजेंसी ,मॉडयूलर ओटी, आईसीयू, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ब्लड कलेक्शन यूनिट,ईसीजी, सीएसएसडी सर्जरी, आदि की सुविधा मिलनी है.
चिकित्सक द्वारा एक्स रे की सलाह पर लोगों को काफी लंबा चक्कर लगाना पड़ता है. लोगों को 10 किलोमीटर बैजनाथपुर या सहरसा की और रुख करना पड़ता है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललन कुमार ने बताया कि पूर्ण रूप से भवन तैयार नहीं हो पाया है. बिजली आपूर्ति के लिए 500 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया जाना है ऑक्सीजन प्लांट के लिए भवन तैयार नहीं हुआ है और कैंपस का पक्कीकरण बाकी है. पूर्ण रूप से तैयार होने के बाद शिफ्ट कर दिया जाएगा।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 17, 2024
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