रतवारा पंचायत के दर्जनों गांव बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों के समक्ष परेशानी उत्पन्न हो गई है। मुरोत रतवारा के बीच छतौना वासा के नजदीक सड़कों पर पानी बहने से सड़क संपर्क भंग हो गया है. लुटना टोला हड़जोडा़, बलहा वासा, खरॊवऻ मुरॊत , चॊढलॊ वासा, भवानीपुर वासा दो कठया, सबरी नगर सहित दर्जनों गाँव का सड़क संपर्क भंग हो गया है. इससे लोगों को भारी परेशानी से रूबरू होने पर कोसी के पानी में बढ़ोतरी का दौर जारी है. क्षेत्र के लोग डरे एवं सहमे हुए हैं. प्रखंड के चार पंचायतों रतवारा गंगापुर , खापुर, बड़गांव, पंचायतों में बाढ़ का पानी आ जाने से निचले इलाकों में लगे धान की सैकड़ों एकड़ फसल भी पानी के चपेट में आ गई है जिससे किसान सहमे हुए हैं.
पानी से क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं. कोसी नदी से प्रखंड के दक्षिणी क्षेत्र के के लोग काफी सहमें हुए हैं. क्योंकि दर्जनों गांव को कोसी का पानी चारों ओर से घेर चुका है. ऐसे में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खासकर सड़क संपर्क भंग हो जाने से नाव ही एकमात्र आवागमन का सहारा रह गया है. लोग अपनी जरूरतों का सामान लाने के लिए जान जोखिम में डालकर नाव का सहारा लेने को विवश हैं.
खासकर पशुपालकों को अपने पशु को बचाने के लिए काफ़ी कठिनाइयों के साथ जद्दोजहद करना पड़ रहा है । क्योंकि खेतों में पानी आ जाने से चारा का अभाव हो जाने से कई लोग अपने पशुओं के साथ ऊंची जगह पर चले गए हैं. वही कई पशुपालक पशुओं का चारा नाव के सहारे लाने को विवश हैं ।
कोसी में लगातार हो रहे बढ़ोतरी से क्षेत्र के किसान खासे चिंतित हैं. वही निचले इलाकों में सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल डूब जाने से किसान चिंतित हैं. साथ ही पानी के बढ़ने को लेकर किसान सशंकित एवं चिंतित हैं.
सरकार द्वारा 2008 की कोसी त्रासदी में बाढ़ पीड़ितों के परेशानी को देखते हुए बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण करने के निर्णय के उपरांत प्रखंड में 7 बाढ़ आश्रय स्थल बनकर तैयार की गई, परंतु बाढ़ आश्रय स्थल खुद पानी में घिरे हुए रहने के कारण बाढ़ पीड़ितों के लिए नाकाफी साबित हो रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा एक तो ऊंची जगह पर जमीन नहीं खरीद कर नीचे जगह पर जमीन की खरीदारी की गई एवं बाढ़ आश्रय स्थल जाने का कोई रास्ता भी नहीं बनाया गया जिसके बाद आश्रय स्थल की उपयोगिता पर बाढ़ के दौरान बाढ़ पीड़ितों को आश्रय देने पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
इस बाबत अंचलाधिकारी दिव्या कुमारी ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र में आवागमन की समस्या को देखते हुए 43 नाव चलाई जा रही है. सात जगहों पर बाढ़ से पीड़ित परिवार को रखा गया है जहाँ कम्युनिटी किचन के रहने की व्यवस्था की गई है एवं बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. लगातार बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया जा रहा जहाँ भी नाव की आवश्यकता होगी नाव दिया जाऐगा।
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