घैलाढ़ प्रखंड मुख्यालय स्थित चल रहे अवैध नर्सिंग होम को शुक्रवार को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ललन कुमार एवं घैलाढ़ ओपी प्रभारी अवधेश प्रसाद के द्वारा छापेमारी कर शील करते हुए अवैध नर्सिंग होम संचालक बिनोद कुमार को हिरासत में लेकर पूछ ताछ की गई।
जबकि पूछताछ के दौरान संचालक बिनोद कुमार व नर्सिंग होम में काम कर रहे कंपाउंडर गौतम कुमार ने तीन ऑपरेशन करने की बात कहते हुए छापामारी के भय से ऑपरेशन किए गए मरीज को गोढियारी में छुपाने की बात कबूला था। जिस पर संचालक के निजी आवास गोरियारी में भी पुलिस पीएचसी प्रभारी द्वारा छापा मारा गया। लेकिन भनक लगते ही वहां से भी मरीज को हटा दिया गया। इसके बावजूद भी संचालक पर बिना कार्रवाई किए संचालक को थाना से मुक्त करना व सील के नाम पर अवैध नर्सिंग होम में केवल ताला लगा कर छोड़ देना ऐसा मिलीभगत होने की आशंका जताई जा रही है। जबकि जांच टीम के समक्ष लाइफ केयर नर्सिंग होम में ऑपरेशन करने की पूरी व्यवस्था साक्ष के रूप में देखा गया।
साथ ही नर्सिंग होम संचालक विनोद कुमार ओर गौतम कुमार से हो रही बात वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया गया है जिसमे तीन मैरिज का ऑपरेशन करने की बात को कबूल किया और उन्होंने कहा कि अस्पताल से हम अपने घर गोरियारी मरीज को शिफ्ट किए हैं। वहीं एक मरीज के परिजन भी पुलिस और चिकित्सा पदाधिकारी के समक्ष मरीज के ऑपरेशन होने की बात बताई है। इतना साक्ष्य के बावजूद हिरासत में लिए संचालक को बिना कार्रवाई किए छोड़ देना कहीं ना कहीं सोचनीय बात है।
एक बड़ा सवाल और लोगों के बीच सामने खड़ा है कि आखिर छापेमारी करने की जानकारी संचालक को कैसे मिला ताकि मरीज को घर पर शिफ्ट किया गया और घर पर छापामारी करने की जानकारी कैसे प्राप्त हुई और घर से भी कहीं दूसरे जगह मरीज को शिफ्ट कर दिया गया।
इस बात को लेकर लोगों के बीच में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है इसमें कहीं ना कहीं किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य कर्मी या डॉक्टर का हाथ होने की बात सामने आ रही है। इसलिए खुलेआम कई वर्षों से बिना लाइसेंस के धरले से अस्पताल का संचालन किया जा रहा था।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नर्सिंग होम के बोर्ड पर जिन डॉक्टर का नाम लिखा गया वे नर्सिंग होम में इलाज करने कभी नहीं आते हैं ऐसे में डॉक्टर के नाम का नर्सिंग होम संचालक गलत उपयोग कर रहा है।
इस संबंध में पीएचसी प्रभारी डॉक्टर ललन कुमार ने बताया कि नर्सिंग होम के बोर्ड पर डॉक्टरों के दिए गए नाम मे डॉ आर के सिंह एवं डॉक्टर एम सिंह लिखा है, उन दोनों डॉक्टरों से बात कर पेपर दिखाने के लिए कहा गया है। यदि सोमवार तक पेपर नहीं दिखाते हैं तो नर्सिंग होम को पूर्णत: सील कर दिया जाएगा।
वहीं ओपी अध्यक्ष अवधेश प्रसाद ने बताया कि डॉक्टर के द्वारा कोई लिखित आवेदन नहीं देने के कारण संचालक को मजबूरन छोड़ना पड़ा।
(रिपोर्ट: लालेंद्र कुमार)
अवैध नर्सिंग होम को किया सील, बिना कार्रवाई के ही संचालक को थाना से किया मुक्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 22, 2024
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