इस मौके पर संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि बच्चों में अद्भुत प्रतिभा है. बच्चों ने अलग-अलग जिस प्रकार का यंत्र बनाकर प्रदर्शित किया उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है. डा. मिथलेश कुमार ने बच्चों के द्वारा प्लास्टिक कप के बदले नये तरीके का कप इस्तेमाल करने तथा प्लास्टिक कप व ग्लास का इस्तेमाल नहीं करने आदि प्रदर्शनी की चर्चा कर उन्होंने कहा कि भाग लेने वाले बच्चों का अगर इसी तरह से आगे भी मार्गदर्शन मिलेगा तो ऐसे बच्चे भविष्य में अवश्य ही कोई वैज्ञानिक तो कोई आविष्कारक बनेंगे.
वहीं विद्यालय के निदेशक रमेश भगत ने अपने संबोधन में कहा कि बहुत कम समय में बच्चों ने उक्त प्रदर्शनी का आयोजन किया. कई बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें अंतिम समय में सूचना मिली और ऐसे बच्चे रात-रात भर जागकर उपरोक्त प्रदर्शनी यंत्र बनाकर समय पर प्रदर्शन कर दिया. प्रदर्शनी में कृष कुमार, हिमांशू, अभिषेक, लक्ष्मी कुमारी,अंशू, सोनाली, आयुषी, आर्यान शिवम्, हरिओम, सत्यम सुंदरम, आयुष, अंश कुमार, आकाश कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.
(रिपोर्ट: रानी देवी)

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