भारत के दुबई दूतावास में आयोजित अधिवेशन में डा० शांति यादव ने परिसंवाद में भाग लेकर प्रपत्र-वाचन तथा अपनी गज़ल "शक्ल में माना खिजां के दूरियां आती तो हैं" के साथ एक कविता "तिरंगा" का पाठ किया. भाषा सहोदरी हिंदी की ओर से इन्हें "विश्व हिंदी सम्मान" तथा भारतीय उच्चायोग की ओर से काउंसलेट जनरल श्री सतीश सिवन द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.
हर एक्सीलेंसी मैडम लैला रेहाल, दुबई |
अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के श्री सतीश शिवन, काउंसलेट जनरल दुबई, विशिष्ट अतिथि हर एक्सीलेंसी मैडम लैला रेहाल गुडविल एम्बेसडर दुबई, विशिष्ट अतिथि सुश्री ताडू मामू मैडम उप काउंसलेट दुबई की गरिमामयी उपस्थिति रही तथा अध्यक्षता जयकांत मिश्र अध्यक्ष, भाषा सहोदरी हिंदी न्यास, भारत ने की. अधिवेशन में भाषा सहोदरी पत्रिका का विमोचन हुआ, जिसमें डॉ० शांति यादव का आलेख "महात्मा गांधी की भाषा नीति एवं स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका" शीर्षक से प्रकाशित है. डा० शांति यादव उन चंद साहित्यकारों में थी जिन्हें मंच पर आमंत्रित कर स्थान दिया गया.
डा० यादव ने इस सम्मान के लिए भाषा सहोदरी परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया तथा अपने सम्मान को विनम्रतापूर्वक संपूर्ण मधेपुरा समाज को समर्पित किया.
(वि. सं.)
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