इन सहायक प्राध्यापकों ने उन्हें मौखिक रूप से और ज्ञापन सौंपकर इस बात से अवगत कराया कि उनकी सेवा का ग्यारहवां महीना चल रहा है लेकिन उन्हें अबतक वेतन मिलना शुरू नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग द्वारा पिछले महीनों में लगभग तीन पत्र इस निर्देश के साथ जारी किये गये हैं कि विश्वविद्यालय इन शिक्षकों का संपूर्ण वेतन भुगतान आंतरिक स्रोत से करना सुनिश्चित करे। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन पत्रों के आलोक में आंतरिक स्रोत से भुगतान करने के बजाय विभिन्न काॅलेजों और विभागों को इस आशय का पत्र लिखकर अपने दायित्व से पल्ला झाड़ लिया है। स्थिति यह है कि विभिन्न काॅलेज और विभाग अपनी अपनी इच्छा के अनुसार नाम मात्र का अग्रिम भुगतान कर रहे हैं या बिल्कुल भी कोई भुगतान नहीं कर रहे हैं। कुलपति का ध्यान इस ओर भी आकर्षित करने का प्रयास किया गया कि इस विश्वविद्यालय जैसे कुछ अपवादों को छोड़कर बिहार के लगभग सभी विश्वविद्यालयों ने नये सहायक प्राध्यापकों के अब तक के पूरे वेतन का नियमित रूप से भुगतान सुनिश्चित किया है।
शिष्टाचार के अनुरूप नवनियुक्त प्राध्यापक ने नये कुलपति के स्वागत में फूल एवं फल के पौधे भेंट किये और उनसे प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया। कुलपति ने इस मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करने का आश्वासन दिया है। भेंट करने वाले सहायक प्राध्यापकों में डाॅ. अपर्णा, डाॅ. प्रियंका, डाॅ. रश्मि, डाॅ. जैनेन्द्र कुमार, डाॅ. कुमार सौरभ, संजीव सुमन, कुमारी अनामिका, नागेश्वर विद्यार्थी शामिल रहे।
(नि. सं.)

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