एनएसयूआई , एआईएसएफ और आइसा के दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित कर उनके द्वारा दिए गए योगदान को याद किया. एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि समाजवाद के प्रतीक एवं स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक भूपेंद्र नारायण मंडल का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. राज परिवार में जन्मे भूपेंद्र बाबू अपना पूरा जीवन फकीर बनकर गुजारा. उन्हें समाज के गरीब, कमजोर, शोषित और वंचित वर्ग के दर्द, पीड़ा, शोषण हमेशा विचलित करती रही. उन्होंने हमेशा कमजोड़ वर्गों की आवाज सड़क से सदन तक उठाने का काम किया.
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि आज के राजनेताओं को भूपेंद्र बाबू को आत्मसात करने की जरूरत है. उनके विचारों को आत्मसात कर ही समाज और देश का भला संभव है. जब तक समाज में भूपेंद्र बाबू के विचार प्रवाहित नहीं होंगे तक तक समतामूलक समाज की स्थापना संभव नहीं है. वहीं एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसीमुद्दीन उर्फ नन्हे ने कहा कि भूपेंद्र बाबू दबे, कुचले और गरीबों के मसीहा थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों के लिए न्यौछावर कर दिया. उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
वहीं आइसा जिला सचिव पावेल कुमार ने कहा कि भूपेंद्र बाबू के सपनों का समाज बनाने के लिय हम सभी प्रतिबद्ध हैं. उनके विचारों को समाज में स्थापित करके ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धा मानी जाएगी. उन्होंने कहा कि भूपेंद्र बाबू ने समाजवाद को अपने जीवन में असल में उतारा है. वो हमारे प्रेरणाश्रोत हैं.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई जिला महासचिव नवीन कुमार, जिला सचिव सोनू कुमार, प्रखंड संयोजक आशीष कुमार, निरंजन कुमार, ललन कुमार, लालबहादुर कुमार, एआईएसएफ के प्रभात रंजन, आइसा जिलाध्यक्ष सनी कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 02, 2024
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