मिली जानकारी के अनुसार घैलाढ़ वार्ड नंबर तीन निवासी स्व. रामचंद्र ऋषिदेव के घर के बाहर दिनाभद्री स्थान समीप नीम का पेड़ है. इस नीम के पेड़ से एक सप्ताह पहले अचानक दूध निकलने लगा. पहले तो लोगों ने इसे ऐसे ही समझ कर नजरअंदाज कर दिया लेकिन जब दूध निकलना जारी रहा तो लोगों का ध्यान इस ओर गया. इसके बाद यह बात पूरे गांव में फैल गई और ग्रामीणों की भीड़ लगने लगी. दीनाभद्री स्थान के पुजारी ने बताया कि पहले यह सब मजाक सा लगा लेकिन जब दो-तीन दिन तक भी दूध का निकलना जारी रहा तो यह चमत्कार जैसा लगने लगा. इसके बाद दूध को चख कर देखा गया. आमतौर पर नीम के पेड़ से दूध निकल रहा है तो इसका स्वाद कसैला होना चाहिए था लेकिन यह तारी के समान मीठा है. इससे गांव वालों ने इसे दैवीय चमत्कार मानना शुरू कर दिया है. इसके बाद यहां तो पूजा पाठ शुरू हो गया. दूर-दराज के गांव के लोग भी यहां पहुंचने लगे. लोग इसे देवी मां की कृपा मानते हैं. नीम के पेड़ के आसपास मेला जैसा माहौल बना रहता है.
ग्रामीण इलाकों में इस तरह के अंधविश्वास की घटना रह रह कर देखी जाती है। जरूरत है जागरूकता की ताकि लोग ऐसे वहम में न पड़ें।

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