टी पी कॉलेज में प्रतिमा परिसर का मुख्य द्वार बंद पाया गया. इस मौके पर एआईएसएफ राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि कीर्ति बाबू के जयंती के दिन भी देर शाम तक टी पी कॉलेज व पी एस कॉलेज में स्थापित प्रतिमा स्थल पर जयंती पर भी साफ सफाई व कार्यक्रम नहीं किया जाना शर्मनाक है. उनका कृतित्व व व्यक्तित्व नमन करने योग्य है. हर दौर में उन्हें कोसी में विशेषकर उच्च शिक्षा का विश्वकर्मा कह आदर देगा उनके द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थान आज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आधार प्रदान कर रहे हैं.
इस अवसर एआईवाईएफ के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि इस धरती के अनमोल रत्न कीर्ति बाबू ऐसी महान आत्मा हैं जिन्हें साल के हर दिन पूजना था लेकिन आज उन्हें याद करने के लिए उनके जयंती पर भी किसी को समय नहीं है. इससे बड़ी दुर्भाग्य की परिभाषा नहीं हो सकती. क्या शिक्षा का स्तर और व्यवस्था अब इतना नीचे आ गया है कि शिक्षण संस्थान अब अपने संस्थापकों को जयंती के दिन भी याद करना जरूरी नहीं समझते. सामाजिक तौर पर भी उन्हें उस रूप में याद नहीं किया जा रहा जिस रूप में किया जाना चाहिए.
मधेपुरा भी उच्च शिक्षा का केंद्र बने इसी उम्मीद के साथ उन्होंने मधेपुरा में अपने पिता ठाकुर प्रसाद के नाम पर टी पी कॉलेज की स्थापना की. आधी आबादी भी शिक्षित हो इसी सोच के साथ स्थापित बालिका विद्यालय आज पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के रूप में सबके सामने है लेकिन टी पी व पी एस कॉलेज में बनी उनकी प्रतिमा जहां उपेक्षा की शिकार है, वहीं बीएनएमयू के गेस्ट हाउस के सामने उनके नाम पर बने पार्क को अतिक्रमित कर पुलिस चौकी बना बीएनएमयू ने मानो हर कर्म पूरा कर दिया. वक्ताओं ने कहा कि जिस महामानव को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ ने कोसी का मालवीय कहा. वहीं मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद ने कोसी का संत व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने महान तपस्वी कह कर इनका सम्मान बढ़ाया, ऐसी हस्ती को उनके आंगन में जयंती पर ही गुमनाम कर देना किसी अपराध से कम नहीं.
इस अवसर पर नीतीश, बिहारी कुमार, राम, श्रवन, रंजन, अनिल, अंकित, आशीष, मिथिलेश, अमन कुमार आदि ने भी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कीर्ति बाबू को नमन किया और कहा कि मधेपुरा को हमेशा कीर्ति बाबू जैसी हस्ती पर नाज रहेगा.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 09, 2023
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