कर्मियों ने बताया कि संचिकाओं की स्वीकृति हेतु उनके द्वारा मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित किया जाता है लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी संचिका निष्पादन कर कार्यालय को प्राप्त नहीं होता है, जिसका कोप भाजन कर्मियों को होना पड़ता है. वहीं अनावश्यक रूप से पदाधिकारी, कर्मियों को अपने डीआरडीए कार्यालय वेश्म में दो से तीन बार बुलाते हैं. वहीं घंटो बीत जाने के बाद भी उनसे मुलाकात नहीं होती है. कर्मी अगर उनके वेश्म में प्रवेश करते हैं तो उनके साथ गाली गलौज भी किया जाता है. कई कर्मियों के साथ ऐसी घटनाएं हो चुकी है. हड़ताल कर्मियों ने अपनी-अपनी आवंटित कार्य से संबंधित अलमीरा की चाबी जिला परिषद अध्यक्षा को सौंप कर कामकाज को बंद कर दिया है एवं उन्होंने मांग किया है कि जब तक जिला परिषद कार्यालय का दायित्व दूसरे पदाधिकारी को नहीं दिया जाता है, तब तक वे लोग कार्य करने में पूर्ण रूप से असमर्थ रहेंगे.
हालांकि इस मामले में जब कार्यपालक अधिकारी से संपर्क किया गया तो फोन की घंटी बजती रही लेकिन अधिकारी ने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा.
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